बिहार के पशु एवं मत्सय संसाधन विभाग ने अपने 19 अफसरों का वेतन रोक दिया है. दिवाली के ठीक पहले यह कदम आखिर विभाग ने क्यों उठाया?

विभाग के निदेशक निदेशक आलोक रंजन घोष दर असल इन अफसरों की लापरवाही से बेबस हो चुके ते. ये अफसरान अपने हाकिमों की बातों को भी ठेंगे दिखाते रहे हैं. नतीजे में सोमवार को 7 प्रमंडलों के क्षेत्रीय निदेशक और 12 जिला पशुपालन पदाधिकारी (डीएचओ) का वेतन रोक दिया गया है.

घोष का कहना है कि इन अफसरों ने पांच-छह बार भेजे गए रिमाइंडर के बावजूद पशु दवा खरीद का हिसाब-किताब नहीं दिया और न ही इस बात की वजह बतायी कि वे हिसाब क्यों नहीं दे रहे. उन्होंने कहा कि यह तो अनुशासनहीनता, कार्य के प्रति घोर लापरवाही और वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन है. इसलिए अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

इन उन्नीस अफसरों के वेतन रोकने के अलावा विभाग ने 32 जिलों के जिला पशुपालन पदाधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सभी से सात दिन में जवाब मांगा गया है.

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