पूर्व मंत्री की बेटी से दुष्कर्म की जांच में तरफदारी बरतने के आरोप में एसाईटी प्रमुख डीएसपी ममता कल्याणी को हटा दिया गया है. ममता के ट्रैक रिकार्ड को खंगालने से उनकी तीन बड़ी लापरवाहियों से लगता है कि  जांच दल से हटाने के बजाये उनके खिलाफ  ऐक्शन लिया जाना चाहिए.

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

MAMTA KALLIYANI

 

इससे पहले कि हम डीएसपी ममता कल्याणी के ट्रैक रिकार्ड को देखें, यह जानना जरूरी है कि पूर्व मंत्री की बेटी से कथित दुष्कर्म मामले में ममता कल्याणी ने क्या गलती की. पूर्व मंत्री की बेटी ने अनुसूचित जाति थाना में मामला दर्ज कर आरोप लगाया था कि निखिल प्रियदर्शी नामक कारोबारी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण जल्द यह यह इश्यु सुर्खियों में आ गया. इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया और डीएसपी ममता कल्याणी एसआईटी की चीफ बनायी गयीं. लेकिन इस ममले में आला अधिकारियों ने पाया कि जहां पर सैक्स रैकेट चलाया जाता था उस मकान मालिक को अभियुक्त बनाने के बजाये ममता कल्याणी ने उन्हें गवाह बना दिया. साथ ही पीड़ित लड़की के दो सर्टिफिकेट सीबीएससी के अलग अलग स्कूलों के थे.  दोनों सर्टिफिकेट में अलग अलग उम्र थी. इस मामले में ममता ने उचित जांच नहीं की.

इन्हीं कारणों से ममता को एसआईटी के प्रमुख की जिम्मेदारी से हटा दिया गया और यह जिम्मेदारी डीएसपी हरेंद्र कुमार को सौंप दी गयी.

लेकिन इतनी बड़ी गलती करने के बावजूद डीएसपी ममता कल्याणी को महज जांच टीम से हटा दिया जाना क्या काफी है? उनके पिछले ट्रैक रिकार्ड को देखें तो ममता कल्याणी अनेक मामलों में गैरजिम्मादार अफसर के रूप में विवादों में रही है. आइए देखें उनका ट्रैक रिकार्ड.

एक-   भरी अदालत में बोल चुकी हैं झूठ 

फरवरी 2014 में एक अपहरण मामले में डीएसपी ममता कल्याणी ने भरी अदालत में झूठ बोला था. इस पर अदालत ने उन्हें जेल भेजने का हुक्म दे दिया. लेकिन इसी बीच वह  माफी मांगने लगीं. मामला यह था कि अदालत में इस मामले को जांच कर रहे आईओ शशिकांत ने  कहा था कि डीएसपी ममता कल्याणी आरोपी को गिरफ्तार करने से मना कर रखा है. इस पर डीएसपी ने कहा कि उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने से मना नहीं किया.

फिर आईओ शशिकांत ने ममता कल्याणी के लिखित आदेश की प्रति अदालत को पेश कर दी. यह देख कर अदालत की बेंच ने ममता क जेल भेजने को कहा पर इस बीच ममता ने माफी मांग ली. दर असल मामला यह था कि ममता ने बिना पढ़े ही आदेश पर दस्तखत कर दिये थे. आदेश में आरोपी की मां को गिरफ्तार करने से मना किया गया था.

दो- अदालत की अवमानना में जेल जाते-जाते बचीं थीं

यह सितम्बर 2014 की बात है.पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ए अमानुल्लाह की अदालत में पटना की डीएसपी विधि-व्यवस्था ममता कल्याणी रो पड़ीं थीं. कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में दोषी मानते हुए उन्हें बेऊर जेल भेजने का आदेश दिया. हालांकि सरकारी वकील के अनुरोध पर कोर्ट ने डीएसपी को जेल भेजने का आदेश वापस ले लिया. दर असल ममता को एक केस डायरी अदालत में पेश करने का हुक्म दिया गया था. पर उन्होंने कई बार ताकीद करने के बाद केस डायरी अदालत के सुपुर्द नहीं की थी. इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने कई बार उन्हें चेतवानी भी दी.लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की. नतीजा यह हुआ कि कल्याणी को अदालत ने अपनी अवमानना को दोषी करार दे दिया

तीन- दुष्कर्म मामले की जांच में पक्षपात

यह तीसरा मामला है जिसमें बीते दिनों आला अधिकारियों ने ममता को एसआईटी से हटा दिया. जिसका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है. बहुचर्चित दुष्कर्म मामले में जिस तरह आला अधिकारियों ने पाया कि जांच दल की प्रमुख होने के बावजूद ममता ने सैक्स रैकेट चलाने वाले के घर के मालिक को अभियुक्त बनाने की बजाये गवाह बना दिया तो यहां यह प्रश्न उठता है कि इसके लिए क्या ममता ने कोई आर्थिक लाभ लिया?  विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए और अगर यह बात सही साबित होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

 

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जब डीएसपी ममता कल्याणी अदालत में रो पड़ीं

जेल जाते-जाते बचीं ममता कल्याणी

 

 

 

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