मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी की अविरलता बनाये रखने के लिये नेशनल सिल्टेशन मैनेजमेंट पॉलिसी की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर हो रहे सिल्टेशन से नदी की अविरलता के समाप्त होने का खतरा है। श्री कुमार के समक्ष आज पटना में इनलैंड वाटरवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्लूएआई) द्वारा ‘जलमार्ग विकास परियोजना’ से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया गया।

PATNA, APR 1 (UNI):- Bihar Chief Minister Nitish Kumar attend presentation by Inland Waterways Authority of India (IWAI) on the proposed National Waterways-I project in Patna on Saturday. UNI PHOTO-99U

 

 

प्रस्तुतिकरण के दौरान श्री कुमार ने राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रस्तुति के क्रम में आईडब्लूएआई के अधिकारियों से बक्सर से फरक्का तक गंगा नदी का अवलोकन करने को कहा। इससे वास्तविक स्थिति सामने होगी। उन्होंने कहा कि गंगा नदी की फंक्शनल चौड़ाई घटती जा रही है, गंगा नदी में निरंतर सिल्ट डिपॉजिशन हो रहा है। जब तक व्यापक दृष्टिकोण रखते हुये योजना नहीं बनायी जायेगी, जलमार्ग विकास परियोजना सफल नहीं हो पायेगी।

श्री कुमार ने कहा कि यातायात के अन्य साधनों के मुकाबले जलमार्ग काफी उपयोगी होता है लेकिन गंगा के संदर्भ में पानी के बहाव, सिल्ट डिपॉजिशन और सिल्ट मैनेजमेंट पर विशेष बल देना जरूरी है। यदि सिल्ट डिपॉजिशन के बारे में केन्द्र नहीं सोचेगी तो आने वाले समय में गंगा की अविरलता समाप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा कि गंगा नदी को अविरल बनाने के लिये नेशनल सिल्टेशन मैनेजमेंट पॉलिसी बनाना जरूरी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रस्तुतिकरण के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा आईडब्लूएआई के अधिकारियों को बक्सर से फरक्का तक गंगा नदी का हवाई सर्वेक्षण कराया गया।

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