पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ को दिए एक इंटरव्यू माना है कि भारत के मुंबई में हुए 26/11 हमलों के पीछे पाकिस्तान के आंतकियों का हाथ था. हालांकि प्रधानमंत्री पद पर रहते उन्‍होंने इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा था. मगर के प्रधानमंत्री पद से हटने के कई महीने बाद नवाज़ ने ये बात कबूल की है.

नौकरशाही डेस्‍क

नवाज के अनुसार, ‘आतंकी संगठन सक्रीय हैं. नॉन स्‍टेट एक्‍टर्स कह कर क्‍या हम उन्‍हें सीमा लांघ कर मुंबई में 150 लोगों की जान लेने की इजाजत देनी चाहिए? मुझे बताएं. हम मामले की सुनवाई पूरी क्‍यों नहीं कर सकते?’ पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर के आतंकी संगठनों- जमात उद दावा और जैश ए मोहम्मद का नाम लिए बिना शरीफ ने कहा कि उन्हें सरकार से इतर तत्व कहिए, क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 से अधिक लोगों की हत्या करने की अनुमति देनी चाहिए? हम मुकदमा पूरा क्यों नहीं कर सकते?

मालूम हो कि पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ का नाम आया था और इसके बाद कोर्ट ने पिछले साल 28 जुलाई को उन्हें दोषी पाया था. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था जिसके बाद नवाज को इस्तीफा देना पड़ा था.

 

 

 

 

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