नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के अध्यापकों का वेतन 50-55 हजार डॉलर सालाना ( लगभग 30-32 लाख रुपये) होगा.

अमर्त्य सेन के साथ सभरवाल
अमर्त्य सेन के साथ सभरवाल

अरुण कुमार

यह वेतन इंडियन इंस्टिच्यूट के समतुल्य होगा जिसके वरिष्ठ प्रोफेसरों को सालाना 24-36 लाख रुपये मिलते हैं.

माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय के टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया अगले महीने शुरू की जायेगी. सबसे पहले विश्विद्यालय के स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल सायंस और स्कूल ऑफ इंवॉयमेंट में फिलहाल 20-20 टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति की जायेगी.

नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति गोपा सभरवाल का कहना है कि फैकेल्टी मेम्बरों का पैकेज डॉलर के मुकाबले 55 रुपये के आधार पर तय किया गया है. सभरवाल रविवार को अमेरिका के लिए रवाना हो गयीं जहां वह विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दों पर आयोजित बैठकों में हिस्सा लेंगी.

नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर अमर्त्य सेन हैं.

डॉलर के लगातार परिवर्तित हो रहे दरों को देखते हुए विश्विद्यालय को यह अधिकार है कि वह उसके मूल्य का निर्धारण कर सके. सभरवाल का कहना है कि दक्षिण एशिया के सभी विश्वविद्यालय यह प्रक्रिया अपनाते हैं. फिलहाल शिक्षकों के वेतन का आधार 55 रुपये प्रति डॉलर तय किया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स से साभार

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