राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमला जारी रखते हुए कहा कि जब भी देश में अकलियत, दलित और पिछड़ों को एकजुट करने की कोशिश  हुई श्री कुमार ने हमेशा धोखा दिया है। 


श्री यादव ने आज फेसबुक पर पोस्ट किया है कि जब पूरे देश में मंडल (पिछड़े) की राजनीति उफान पर थी और बिहार में उनकी और उत्तरप्रदेश में मुलायम सिंह और कांशीराम की सरकार थी। तब सदियों से सताये वंचित, उपेक्षित, दलित, अकलियत और पिछड़ों की एकता चरम पर थी, सभी पीड़ित लोग एक दूसरे के दर्द के साझेदार बनकर एक ही माला के सुंदर मोती बन रहे थे। उस दौर में अपनी संकीर्ण मानसिकता और अति महत्वाकांक्षा के कारण नीतीश कुमार बहुजनों के हितों की तिलांजलि देकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) संघ की गोद में जाकर खेलने वाले पहले पिछड़े नेता थे।

 
राजद प्रमुख ने कहा कि बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने के बाद जब श्री लाल कृष्ण आडवाणी देशभर में घूम रहे थे तब श्री कुमार 1994 में बंबई में श्री आडवाणी का हाथ अपने हाथ से उठाकर एकता का प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री कुमार भाजपा नेताओं के साथ घूम-घूम कर उस वक़्त संघ को मज़बूत करने की वकालत करते थे, जिस वक़्त भाजपा और आरएसएस मंडल आयोग, आरक्षण और वंचितों की भागीदारी का विरोध कर रहा था।

श्री यादव ने कहा कि जमात का श्री कुमार से बड़ा कोई दुश्मन नहीं है। श्री कुमार सबसे बड़े अवसरवादी और विश्वासघाती हैं। सभी को उनसे संभलकर रहने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि लोग यह न भूलें कि श्री कुमार अपने स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी छोड़ चुके हैं।

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