16वीं विधान सभा का पहला बजट सत्र आज शुरू हुआ। विधान सभा में विधान सभा व विधान परिषद के सदस्‍य मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ट्रेजरी बेंच के सेकेंड रो में बैठी थीं, सीएम नीतीश कुमार के पीछे। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी सदन में मौजूद नहीं थे। वैसे भी वे नीतीश कुमार के सदन में होने के दौरान नहीं आते हैं।

वीरेंद्र यादव

 

बिहार विधान मंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण 

विधान सभा के लिए पहली बार निर्वाचित 98 सदस्‍यों के लिए यह पहला बजट सत्र है। कुछ विधान पार्षदों के लिए भी यह पहला बजट सत्र है। विधान सभा की कुर्सियां भरी हुई थीं। विपक्षी बेंच पर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार, परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव व मंगल पांडेय समेत दोनों सदनों के लगभग सभी सदस्‍य मौजूद थे। विपक्षी बेंच पर महिलाओं की संख्‍या कम ही नजर आ रही थी, जबकि सत्‍ता पक्ष में तीस से अधिक महिलाएं विराजमान थीं। सभी मंत्री भी मौजूद थे। सत्‍ता पक्ष में राबड़ी देवी के साथ उनके दो पुत्र तेजस्‍वी यादव व तेजप्रताप यादव बैठे थे तो विपक्षी बेंच पर पति पत्‍नी नीरज कुमार बबलू व नूतन सिंह मौजूद थे।

 

मुख्य सचिव भी मौजूद

वेल में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विस के प्रभारी सचिव राजीव कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे। अधिकारी दीर्घा में डीजीपी पीके ठाकुर व सीएम के सचिव अतीश चंद्रा समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे। वीआइपी दीर्घा में राजद के प्रवक्‍ता मनोज झा अकेले ही मौजदू थे। पत्रकार दीर्घा में 50 से अधिक पत्रकार मौजूद थे, अधिकतर बैठे तो कुछ खड़े। पूरे सदन में शांतिपूर्ण माहौल था और राज्‍यपाल अपना अभिभाषण पढ़ रहे थे।

 

85 मिनट तक हुआ पाठ

अभिभाषण शुद्ध रूप से नीतीश नामा यानी नीतीश निश्‍चय था। पूरे 85 मिनट तक राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद ने पढ़ा। बीच में किसी विधायक ने पढ़ा हुआ मानने का सुझाव दिया, लेकिन अनसुनी कर दी गयी। पूरे अभिभाषण में नीतीश निश्चय की व्याख्या थी। एक-एक निश्चय को पूरा करने के तरीके से लेकर असर तक का विश्लेषण। पत्रकार बीमा और पत्रकार पेंशन पर भी चर्चा हुई। सत्‍ता पक्ष से ज्‍यादा विपक्षी लोग पूरी तन्मयता से राज्यपाल को सुन रहे थे। उनकी मजबूरी थी, क्योंकि राज्यपाल उनकी ही पार्टी के हैं। हालांकि बैठे-बैठे सरकार विरोधी नारों का पोस्टर जरूर सीएम को दिखा रहे थे।

 

सदन में राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद  के साथ विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह प्रवेश करते हैं। आसन पर राज्यपाल बैठे, जबकि दायीं ओर स्पीकर और बायीं ओर चेयरमेन बैठे। राष्ट्रगान की धुन के साथ सदन की कार्रवाई शुरू हुई और उसी के  साथ अभिभाषण का समापन हुआ।

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