श्रीलंका के बाद अब नेपाल में आर्थिक संकट, ताश की गड्डियों पर फूंक डाले 100 करोड़!

दीपक कुमार ठाकुर
बिहार ब्यूरोचीफ

नेपाल में आर्थिक संकट गहराया:नेपाल ने श्रीलंका जैसे हालात नहीं होने का भरोसा दिलाते हुए नकदी संकट और घटते विदेशी मुद्रा भंडार का हवाला देते हुए दो सार्वजनिक अवकाशों की भी घोषणा की है.

श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट गहराने लगा है. पिछले 20 दिनों से दवा सहित रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ रहे हैं. नेपाल ने पिछले 5 साल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ताश की गड्डी विदेशों से आयात की है.पेट्रोल 41 रुपये और डीजल 20 रुपये महंगा हो चुका है. यही नहीं सरसों तेल (15 लीटर टीन) के दाम में 350 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. आर्थिक संकट को देखते हुए नेपाल ने शराब और तंबाकू समेत कारों और अन्य मंहगे सामानों के आयात पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है.

नेपाल ने जुलाई 2021 के बाद से ही बढ़ते आयात, निवेश के प्रवाह में गिरावट और पर्यटन तथा निर्यात से कम आय के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी है. देश के केंद्रीय बैंक ‘नेपाल राष्ट्र बैंक’ के डिप्टी गवर्नर बम बहादुर मिश्रा ने कहा, ”प्रतिबंध मंगलवार से प्रभावी हो गया है और जुलाई, 2022 के मध्य तक लागू रहेगा. इस आशय का एक नोटिस नेपाल के राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया है.”

‘नेपाल राष्ट्र बैंक’ के डिप्टी गवर्नर ने कहा, ”तेजी से घट रही विदेशी मुद्रा को रोकने के लिए कार, 250 सीसी से ऊपर की बाइक, 32 इंच से ऊपर के रंगीन टीवी, तंबाकू और शराब जैसी लग्जरी वस्तुओं का आयात फिलहाल रोक दिया गया है.”

दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पेट्रोलियम उत्पाद का आयात बढ़ा कीमत पर होने से दवाइयों से लेकर सभी खाने-पीने की चीजें महंगी हो रही हैं. 8 महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. पर्यटन नेपाल की आय का बड़ा स्रोत है, जो कोविड के बाद प्रभावित हुआ है.

नेपाल ने पिछले पांच साल में करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ताश विदेशों से आयात किया है. नेपाल में सिर्फ कैसिनो में ही नहीं बल्कि दशहरा, दिवाली जैसे मौके पर घर- घर में ताश खेलने की परम्परा है. सिर्फ दिवाली के मौके पर ही 9 करोड़ रुपए से अधिक का ताश आयात किया था.

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