पटना में पुलिस ने तीन गाय तस्करों अर्जुन कुमार, मुन्ना यादव व रामजी यादव को ट्रक में लदे गायों के साथ गिरफ्तार कर लिया है. ट्रक को बांग्लादेश सीमा पर  ले जाया जा रहा था.

फाइल फोटो

दैनिक हिंदुस्तान की रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रक के अंदर दम घुटने से दो बछड़ों की मौत हो गयी है. गिरफ्तारी के बाद डीएसपी हरिमोहन शुक्ल ने तस्करों से पूछताछ की है. माना जा रहा है कि बिहार से बड़े पैमाने पर गायों की तस्करी का नेटवर्क काम करता है. इस ट्रक में गायों को छपरा में लोड किया गया था. अर्जुन और रामजी गिरोह के लोग काफी समय से गाय तस्करी के धंधे में लगे थे.

शनिवार शाम को ट्रक ड्राइवर रवींद्र यादव को भी गिरफ्तार किया गया है उसने स्वीकार किया कि छपरा में गायों को लोड किया गया और उसे कहा गया था कि ट्रक बांग्लादेश सीमा पर ले जाना है. उसने कहा कि ट्रक में कुल 18 गायों को लोड किया गया था.

इस बीच बरामद गायों को श्रीकृष्ण गोशाला पहुंचा दिया गाया है. अगम कुंआ थाना के प्रभारी ने कहा कि पटना बाईपास जीरो माइल के निकट ट्रक को शक के अधार पर रोका गया तो गाय तस्करी का भांडा फूटा.

गौरतलब है कि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश भर में गोतस्करी के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है. हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत अनेक राज्यों में गायों की खरीद बिक्री करने वाले अनेक व्यापारियों को गोरक्षा के नाम पर गोआतंकियों ने पीट पीट कर हत्या भी कर दी है. उधर गाय पर भाजपा जैसी पार्टियों ने खूब राजनीति भी शुरू कर रखी है. इस बीच पटना में गोतस्करों के भांडा फूटने के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.

हाल ही में लालू प्रसाद ने गाय की राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा अपने समर्थकों से कहा था कि वे बूढ़ी गायों को भाजपा नेताओं के घर या भाजपा के कार्यालयों में ले जा कर बांध दें. इस पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

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