विधान परिषद की गहमागहमी और राजद सदस्‍यों के धरना के बीच आज पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी समाचार चैनलों के लिए ‘एंकर’ बन गयीं। परिषद के मुख्‍य दरवाजे पर धरना पर बैठे राजद सदस्‍यों के साथ राबड़ी देवी भी धरना पर बैठ गयीं। उनके धरना में शामिल होते ही पूरा मीडिया का मजमा लग गया। बाइट लेने की होड़। इसमें कोई एक-दूसरे से पीछे नहीं होना चाहता था। पहली सीढ़ी पर चार सदस्‍य बैठे हुए थे, जबकि उसके ऊपर की सीढ़ी पर एक सदस्‍य बैठे हुए थे। राबड़ी देवी भी ऊपर की सीढ़ी पर बैठ गयीं।

वीरेंद्र यादव, विधान मंडल से 

बाइट और तस्‍वीर की मार अगली पंक्ति में बैठे सदस्‍यों पर पड़ रही थी। हर कोई राबड़ी देवी का बाइट लेना चाह रहा था। इस बात को समझते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री ने एक चैनल का माइक खुद ही अपने हाथ में लेकर रिपोर्टर की तरह बाइट देने लगीं। कुछ देर के लिए वे ‘रिपोर्टर’ की भूमिका में आ गयीं। भीड़ को देखते हुए राबड़ी देवी ने अगली पंक्ति में बैठे सदस्‍यों को पिछली पंक्ति में आकर बैठने को कहा। इसके बाद बाइट लेना आसान हो गया।

इससे पहले सदन की कार्यवाही का बहिष्‍कार कर राजद सदस्‍य धरना देने चले गये और राबड़ी देवी अपने कक्ष में पहुंची। थोड़ी देर में हम भी पहुंचे। टीवी पर कार्यवाही का लाइव प्रसारण हो रहा था। मंत्री ललन सिंह ‘घोटाला पुराण’ पर सरकार का पक्ष रख रहे थे। मंत्री ने कहा- धैर्य से सुनिये, तीन पन्‍ने का उत्‍तर है। इस बार पर राबड़ी देवी ने कहा- अपने बोल और अपने सुन। बिना विपक्ष का सदन चलता है। बात आगे बढ़ी। उन्‍होंने कहा- आवश्‍यकता पड़ी तो लालू जी को इलाज के लिये दिल्‍ली भी ले जाएंगे। इसके पहले कोर्ट को भी बताएंगे। डॉक्‍टरों की सलाह को भी मानेंगे। इसी बीच एक सुरक्षा गार्ड ने बताया कि बाहर लोग धरने पर बैठे हैं। बात थोड़ी देर और चली। वह इतना कह कर कमरे से बाहर निकलीं कि दो मिनट हम भी बैठ लेते हैं धरना में। लेकिन दो मिनट घंटा में तब्‍दील हो गया।

परिषद से निकलकर हम गलियारा होते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के कक्ष में पहुंचे। वहां भी धरने को लेकर चर्चा हो रही थी। धरना के कारण पर मंथन हो रहा था। सदन की कार्यवाही स्‍थगित होने के बाद विधायक भी वहां पहुंचने लगे। इस बीच बिना तैयारी के सदन में मुद्दा उठाने पर चर्चा हो रही थी। तेजस्‍वी यादव ने समीर महासेठ से कहा कि दारोगा अभ्‍यर्थियों पर लाठी चार्ज का मामला उठाना था तो उससे जुड़ी तस्‍वीर व अखबारों की कटिंग भी ले लेते। उन्‍होंने सदस्‍यों से अपने विषय या मुद्दे पर तैयारी से साथ सदन में आने को कहा। इसके बाद तेजस्‍वी कमरे से बाहर निकल गये।

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