पाक पीएम और मोदी सरकार की मंत्री ने दिया दोनों देशों के बीच शांति बहाली पर बल

पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़नेवाले गलियारे की आधारशिला रखे जाने के मौके पर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और नरेंद्र मोदी सरकार की मंत्री हरसिमरत कौर ने दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने की बात पर बल दिया। इस मौके पर एक ओर इमरान खान ने कहा कि अगर कई युद्ध लड़ चुके फ्रांस और जर्मनी शांति के साथ रह सकते हैं तो भारत और पाकिस्तान क्यों नहीं रह सकते। वहीं, हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि शांति और प्रेम के संदेश के माध्यम से भारत तथा पाकिस्तान के बीच अविश्वास को मिटाया जा सकता है।

नौकरशाही डेस्क

बता दें  कि  पाक पीएम इमरान खान ने आज पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़नेवाले ऐतिहासिक गलियारे का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि उनका देश भारत के साथ मजबूत और शिष्ट संबंध चाहता है तथा प्रतिबद्धता के साथ दोनों देश कश्मीर सहित सभी मुद्दों को हल कर सकते हैं।

वहीं, कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी कर रहे थे। इस दौरान कौर ने कहा कि शांति और प्रेम के संदेश के माध्यम से भारत तथा पाकिस्तान के बीच अविश्वास को मिटाया जा सकता है। यदि बर्लिन की दीवार गिर सकती है, तो गुरु नानक द्वारा दिये गये शांति एवं प्रेम के संदेश से पड़ोसी देशों-भारत और पाकिस्तान के बीच अविश्वास भी दूर हो सकता है।

इस कार्यक्रम में पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी भाग ले रहे थे, जिन्‍होंने कहा कि दोनों राष्ट्रों के बीच प्यार और शांति होगी। काफी खून-खराब हो चुका है और यह गलियारा लोगों के दिलों को जोड़ने का एक बड़ा मौका होगा। हिंसा रुकनी चाहिए और क्षेत्र में शांति लौटनी चाहिए। सिद्धू ने कहा कि गुरु नानक देव के आशीर्वाद से दोनों राष्ट्रों को बिना किसी डर के भाईचारे का रास्ता तलाशना चाहिए और सद्भाव में रहना चाहिए। यदि दोनों देशों के बीच की सीमाएं खुलती हैं,तो पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों और यहां तक कि अन्य देशों के लिए भी माल ढुलाई संभव होगी।

गौरतलब है कि करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है। प्रथम सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी। माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी। इस गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे। इस गलियारे के छह महीने के भीतर बनकर तैयार होने की उम्मीद है।


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