किसी भी गठबंधन के राजनीतिक भविष्य का पूर्वानुमान लगा कर झटके में गठबंधन बदल लेने वाले राम विलास पासवान ने  अब पीएम मोदी व अमित शाह को अल्टीमेटम दिया है और इसके लिए 8 अगस्त तक की डेडलाइन तय की है.
दरअसल लोकजन शक्ति पार्टी जस्टिस एके गोयल को एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के प्रमुख पद से हटाने के लिए आखिरी अल्टीमेटम दिया है. उनकी पार्टी एलजेपी का कहना है कि जस्टिस गोयल सुप्रीम कोर्ट का जज रहते हुए यह फैसला दिया था कि एससीएसटी एक्ट के तहत आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी.
 उनकी नियुक्ति का विरोध करते हुए अब लोजपा ने कहा है कि एनजीटी के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल को बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने दलितों और आदिवासियों पर अत्याचारों को रोकने के लिए बने कानून के प्रावधानों को कथित तौर पर कमजोर किया था. कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान के बेटे एवं लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा कि गोयल को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के वास्तविक प्रावधानों को बहाल किया जाना चाहिए. उन्हें हटाने के लिए चिराग ने 8 अगस्त का समय दिया है. मालूम हो कि 9 अगस्त को दलित संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है और पासवान परिवार पर दबाव है कि दलितों के प्रोमोशन में  रिजर्वेशन को केंद्र खत्म करना चाहता है.
 
उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो नौ अगस्त को दलित संगठनों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन दो अप्रैल को हुए आंदोलन से भी ज्यादा तीव्र हो सकता है. इसमें खुद लोजपा भी हिस्सा ले सकती है. दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए प्रदर्शन देश के कई स्थानों पर हिंसक हो गए थे.
यह भी याद रखने की बात है कि पिछले दिनों पासवान के घर में 24 दलित सांसदों की बैठक हुई थी. इस बैठक में तीन दलित मंत्री भी शामिल हुए थे.
पासवान के इस अल्टीमेटम को केंद्र सरकार मानेगी या उसे अपने इगो का इश्यु बनायेगी, यह देखा जाना है. गौरतलब है कि भाजपा से अनेक क्षेत्रीय दल अलग हो चुके हैं. ऐसे में पासवान को खोना भाजपा के लिए महंगा पड़ सकता है.

By Editor