बिहार के उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय सेवाओं में पिछड़े वर्गों की सूची को बिहार के समान पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग में बांटने के लिए कमीशन बनाने फैसले को ऐतिहासिक बताया. उन्‍होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई भी दी.

नौकरशाही डेस्‍क

उपमुख्‍यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की इस पहल से अब पिछड़े वर्ग की कमजोर जातियों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. इसके पहले बिहार सहित 11 राज्यों में पिछड़े वर्ग की जातियों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जा चुका हैं. भाजपा या जनसंध जब-जब सरकार में रही है, तब-तब अति पिछड़ों के हित में काम की है.

सुमो ने कहा कि 1977 में केन्द्र की जनता पार्टी की सरकार में जब जनसंध भी शामिल था, तो पिछड़े वर्गों के आरक्षण पर विचार करने के लिए मंडल कमीशन का गठन किया गया था. 1977 में ही बिहार में कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने पिछड़े वर्गों की सूची को एनेक्चर-1 और 2 में बांट कर अति पिछड़ों को लाभ दिया था, जिसमें जिसमें जनसंघ भी शामिल था. फिर जब 2005 में भाजपा सत्ता में आई तो पंचायत चुनाव में अति पिछड़ी जातियों को 20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया.

उन्‍होंने कांग्रेस पर पिछड़ा विरोधी और अति पिछड़ों की हकमारी करने का आरोप लगाया और कहा कि केन्द्र सरकार ने क्रीमी लेयर को भी 6 से बढ़ा कर 8 लाख करने का सराहनीय निर्णय लिया है. पिछड़े वर्ग की कमजोर और पीछे छूट चुकी जातियों को आगे बढ़ाने और केन्द्रीय सेवाओं में अवसर मुहैय्या कराने की दिषा में केन्द्र सरकार के इस निर्णय का व्यापक असर पड़ेगा.

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