राजनीति कब किस कदर करवट ले, कहना मुश्किल है. पूर्वी चम्पारण में यह खबर आग की तरह फैल गई है कि भाजपा की सरकार बनी तो मोदी नहीं, बल्कि कोई सवर्ण प्रधानमंत्री बनेगा. east.champaran

श्रीकांत सौरभ

दूसरी चर्चा ये भी है कि भाजपा के पूर्वी चम्पारण के प्रत्याशी राधामोहन सिंह  अगर जीत गये तो मंत्री बन सकते हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसको लेकर भाजपा के पिछड़ी जात्ति के वैश्य वोटरों में फूट पड़ने के आसार है. क्योंकि वैश्य के एक कद्दावर भाजपाई नेता ने इसके लिए एड़ी चोटी एक कर दिया है.

उन्हें डर है कि कहीं उनका राजनीतिक करियर ही दांव पर न लगा जाए. इसके पीछे खास कारण है राजपूत नेताओं की गोलबंदी. दरअसल इस जाति के सांसद( राधा मोहन सिंह) के बाद जिले से एक मात्र राजपूत विधायक अजय सिंह हैं. इसी कमी को पूरा करने के लिए चिरैया में हो रहे विधानसभा के विशेष चुनाव में रणनीति की झलक मिल जाती है. जहां भाजपा के   वैश्य समाज से आने वाले प्रत्याशी  लाल बाबू प्रसाद हैं. लेकिन क्षत्रिय वोटरों का समर्थन स्वजातीय कांग्रेस प्रत्याशी मनोज सिंह को मिल रहा है.

 

फिर वैश्यों की क्या मजबूरी कि वे लोक सभा में भाजपा को वोट दें. अहम मुद्दा यह भी है कि कभी सांसद के  विरोधी रहे स्वजात्तीय पूर्व लोजपा विधायक महेश्वर सिंह गठबंधन के कारण उनके साथ कदमताल कर रहे हैं. जाहिर है इस गोलबंदी को देख जिले की पिछड़ी जाति के भाजपा नेताओं में यह डर घर करने लगा है कि यह चाल कामयाब हुई तो अगले कुछ वर्षों के लिए वे राजनीति हाशिए पर चले जाएंगे.

सतर्क हैं मुसलमान मतदाता

हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वैश्यों के बागी वोट का कितना प्रतिशत कटेगा और कहां जाएगा. इधर, ताजा जानकारी के मुताबिक राजद प्रत्याशी विनोद श्रीवास्तव का मजबूत पकड़ क्षेत्र में ना होने व स्वजातीय मतदाताओं की उदासीनता के कारण मुस्लिम वोटर जदयूं को सेफ कार्नर के तौर पर तवज्जो दे रहे हैं. वही जदयू के मंत्री अवधेश कुशवाहा स्वजातीय वोटरों को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. बिरादरी में इस बात का हवाला दिया जा रहा है कि यदि लोक सभा चुनाव में उनका जोरदार समर्थन नहीं मिला तो उनका मंत्रालय गया समझें.

यदि जिले की राजनीति इस पैट्रन पर बढ़ती रही, जैसा कि पूरी संभावना है तो मोतिहारी के धुरंधर नेताओं के आकलन के मुताबिक मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा व जदयू के बीच होगा. जबकि जीत हार का फैसला चौकाने वाला होगा.

By Editor