राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की औपचारिकता को संभवत: इसी माह पूरा कर दिया जायेगा।  केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इस विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने में आ रही बाधा पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अब इसे दूर कर लिया गया है तथा 23 जनवरी को इस संबंध में एक समझौता होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से संबंधित लगभग 200 मुकदमें एक बड़ी बाधा थी। उन्होंने कहा कि समय पर इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिलने से बिहार विकास में पांच वर्ष पिछड़ गया है।

 

इससे पूर्व बिहार के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने राज्य में केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा कृषि अनुसंधान से संबंधित अन्य केन्द्र स्थापित करने की मांग की। उधर केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियों के बावजूद इस वर्ष रिकार्ड पैदावार की उम्मीद है।  श्री सिंह ने एसोचैम की ओर से आयोजित कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मानसून के आने में लगभग डेढ माह की हुई देरी के बाजवूद फसल उत्पादन के सम्बंध में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल में जो आंकडे दिए है, उससे पिछले सारे रिकार्ड टूट जायेंगे।

उन्होंने कहा कि इसरो ने जो सर्वेक्षण किये हैं, उससे खासकर बागवानी फसलों के उत्पादन में रिकार्ड वृद्धि की संभावना व्यक्त की गयी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 13 प्रतिशत कम वर्षा हुई और डेढ़ प्रतिशत कम क्षेत्र में फसलों की बुवाई हुई इसके बावजूद उत्पादन दो से तीन प्रतिशत अधिक होगा। श्री सिंह ने देश की बढती जनसंख्या के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पूर्वी क्षेत्र के बिहार और झारखंड समेत छह राज्यों में उत्पादन बढ़ाने की अपार संभावना है।

By Editor