देश के विकास के लिये राज्यों की मजबूती पर जोर देते हुए लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि सदन के बीचोबीच आकर कार्यवाही में बाधा पहुंचाने वालों की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जानी चाहिए। श्रीमती महाजन ने आज लखनऊ में देशभर से आये विधानसभा अध्यक्षों और विधान परिषद के सभापतियों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थीं।  सदनों को पेपरलेस करने तथा अच्छे कानून और विकास योजनाओं को बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाने के संकल्पों के साथ शुरू हुए सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन केवल ‘हल्ला गुल्ला’ के लिए नहीं होता है, बल्कि अच्छे कानून और अच्छी विकास योजनाओं को बनाने के लिए होता है। इसमें सदस्यों को रचनात्मक सहयोग देना चाहिए। sumitra

विधानसभा अध्यक्षों और विधान परिषद के सभापतियों का सम्मेलन

स्‍पीकर ने कहा कि लोकसभाध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने देखा कि कई रिपोटर्स इधर-उधर पड़ी हुई थी। उनका वितरण नहीं हुआ था। जब वितरण नहीं करना है तो छपवाना क्यों। इसलिए सदस्यों को कम्प्यूटर और लैपटाप का उपयोग तेजी से करना चाहिए ताकि सदनों की कार्यवाही जल्दी पेपरलेस हो सके। इससे पर्यावरण की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी। श्रीमती महाजन ने कहा वैसे तो वेल में आने वालों के खिलाफ अध्यक्ष के पास कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन इस सम्मेलन में चर्चा इस पर होनी चाहिए क्यों न ऐसे सदस्यों की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाये जो वेल में आकर सदन की कार्यवाही बाधित करते हैं।

श्रीमती महाजन ने कहा कि अच्छे कानून और अच्छी योजना बनाने में सदन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि केन्द्र और राज्य में अलग-अलग दल की सरकार होने पर विकास के मामले में विधान सभा अध्यक्षों की भूमिका बढ़ जाती है। जनता की भलाई करने वाला और देश के प्रति समर्पित रहने वाला ही सच्चा प्रतिनिधि होता है। उन्होंने सदनों के अध्यक्षों को सभी दलों के सदस्यों का पालक बताया और कहा कि सदस्यों के विशेषाधिकार हनन को भी देखा जाना चाहिए।

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