सीटों के बंटवारे में उलझे जदयू और भाजपा के बीच जदयू प्रचार युद्ध में भाजपा पर चढ़ गया है, उससे बढ़त ले ली है। जदयू का प्रदेश कार्यालय नये पोस्टरों से भर दिया गया है। इन पोस्टरों में नीतीश कुमार के साथ प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरसीपी सिंह की तस्वीर है। पार्टी का भविष्य माने जा रहे प्रशांत किशोर पोस्टर से गायब हैं। यह पोस्टर बाजार का एक पक्ष है। दूसरा पक्ष है कि पार्टी के एक नेता का कारोबार पोस्टर-होर्डिंग का ही है। इसका असर पोस्टर में भी दिख रहा है।

वीरेंद्र यादव


इन पोस्टरों में कई नारों का इस्तेमाल किया गया। इनमें एक ऐसा पोस्टर भी है, जिसमें जदयू के चुनाव का चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया गया है। लेकिन इसमें किसी भाजपा या लोजपा नेता की तस्वीर भी नहीं है। पोस्टर में कहा गया है- संकल्प हमारा, एनडीए दुबारा। एनडीए दुबारा की ‘ठेकेदारी’ करने वाली पार्टी ने नीतीश के साथ भाजपा या लोजपा के किसी नेता को जगह नहीं देकर अपनी मंशा साफ कर दी है। यह पोस्टर बता रहा है कि बिहार में एनडीए के ‘पीएम प्रत्याशी’ नीतीश कुमार ही हैं। इस पूरे कैंपेन का नारा है- चलो, नीतीश के साथ चलें। यह चुनाव लोकसभा के लिए हो रहा है और प्रधानमंत्री के दावेदार नरेंद्र मोदी हैं, लेकिन जदयू नीतीश के साथ चलने की अपील कर रहा है। लगता है बिहार में नरेंद्र मोदी भी नीतीश के पीछे-पीछे ही चलेंगे।
खैर, प्रचार के शुरुआती दौर में साधन संपन्न पार्टी भाजपा पर जदयू ने बढ़त ले ली है। कल-परसों तक भाजपा भी पोस्टर युद्ध में कूद जाएगी। लेकिन यह भी देखना रोचक होगा कि क्या भाजपा जदयू नेता नीतीश कुमार को अपने पोस्टरों में ‘ठेंगा’ दिखाएगी या अपनी विवशता मान कर ‘ढोएगी’।

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