उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों की याद में बनाये गये स्मारक का शनिवार को पेरिस के गांव विलर्स गुस्लेन में उद्घाटन किया। श्री नायडू ने विलर्स गुस्लेन के महापौर के साथ भारतीय सशस्त्र सेनाओं के स्मारक पर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक फ्रांस द्वारा भारतीय जवानों के बलिदान के सम्मान में दी गयी जमीन पर बनाया गया है। स्मारक स्थल उसी जगह पर बना है जहां 20 नवम्बर 1917 को कैम्बराई की लड़ाई लडी गयी थी । इस लड़ाई में अनेक भारतीय जवानों सहित लगभग 40 हजार जवान शहीद हुए थे। 

श्री नायडू ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाओंं के इस स्मारक का उद्घाटन उन हजारों जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपनी वीरता और समर्पण से दुनिया भर में अपनी पहचान बनायी। भारतीय जवानों ने इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हालांकि इस बात को अक्सर नजरंदाज किया जाता है।

प्रथम विश्व युद्ध में भारत के लगभग 10 लाख जवानों ने हिस्सा लिया था। युद्ध में लगभग 50 हजार जवान शहीद हुए 65 हजार घायल हुए थे। इस युद्ध के सौ वर्ष पूरे होने के मौके पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें भारतीय जवानों के जीवन को दर्शाने वाले दुर्लभ फोटो की प्रदर्शनी भी लगायी गयी है। भारतीय जवानों को प्रथम विश्व युद्ध में वीरता के लिए 13 हजार पदकों से सम्मानित किया गया था जिनमें 12 विक्टोरिया क्रॉस शामिल थी। इस युद्ध के बाद भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गयी थी।

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