एसोसियेशन ऑफ गोवा सिविल सर्विस ऑफिसर्स ने मुख्य मंत्री मनोहर पारिकर से अपील की है कि सरकार एक भवन ध्वस्त होने के मामले में गिरफ्तार ब्यूरोक्रेट को रिहा करे.

मनोहर पारिकर
मनोहर पारिकर

ध्यान रहे कि पिछले दिनों एक भवन ध्वस्त होने से 31 लोगों की जान चली गयी थी लेकिन एसोसियेशन का कहना है कि इस मामले में सरकार अनावश्यक रूप से गोवा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशांत शिरोदकर को गिरफ्तार कर के प्रताड़ित कर रही है.

शिरोदकर कानाकोना के अनुमंडल अधिकारी हैं. एसोसिएशन का कहना है कि इस मामले में जांच में सहयोग करने के बावजूद शिरोदकर को गिरफ्तार किया गया जो अनुचित है.

एसोसिएशन के प्रवक्ता लेनिंसन मार्टिन का कहना है कि शिरोदकर इस गिरफ्तारी से काफी आहत हैं और मानसिक रूप से परेशान हैं उन्हें बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने शिरोदकर के साथ जिस तरह से व्यवहार किया वह भी आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जानी चाहिए थी और सभी आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए थी लेकिन बिना किसी अधार के उन्हें गिरफ्तार किया गया.

इसी बीच एनसीप और कांग्रेस जैसी विरोधी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इस मामले में भवननिर्माता को सरकार बचाने की कोशिश कर रही है इसलिए वह निर्दोष अधिकारियों को फंसा रही है.

By Editor