केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निरंतर बढती आबादी और शहरीकरण के कारण आपदाओं का खतरा बढ गया है और पहले सुरक्षित माने जाने वाले स्थानों पर भी अब इनका खतरा मंडरा रहा है। श्री सिंह ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा भौगोलिक और भौतिक सीमाओं को नहीं देखती इसलिए इनके प्रभावशाली प्रबंधन के लिए सीमाओं से आगे निकलकर सोचे जाने की जरूरत है। निरंतर बढती आबादी और शहरीकरण के कारण यह खतरा बढ गया है और अब तक सुरक्षित माने जाने वाले स्थान भी इस खतरे की चपेट में आ सकते हैं।

 

 

उन्होंने कहा कि आपदाओं से निपटने की पहली जिम्मेदारी राज्यों की होती है इसलिए उन्हें इसका जोखिम कम करने के लिए पहले ही पूरी तैयारी करनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि अभी सरकार आपदा प्रबंधन के साथ -साथ इनसे होने वाले जोखिम को कम करने पर भी अधिक ध्यान दे रही है। राज्य आपदा मोचल बल को आवंटित राशि 82 प्रतिशत बढाकर 33 हजार 581 करोड रूपये से बढाकर 61 हजार 220 करोड रूपये कर दी गयी है। ढांचागत तंत्र को बढाते हुए वाराणसी और अरूणाचल प्रदेश में एनडीआरएफ की दो अतिरिक्त बटालियन बनाई गयी हैं। एनडीआरएफ के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को भी 3461 करोड रूपये से बढाकर 11 हजार 441 करोड रूपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2015 में राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम कमी परियोजना के तहत छह राज्यों के लिए 2361 करोड रूपये की अतिरिक्त सहायता भी मंजूर की गयी।

 

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