गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर अरुण कुमार शर्मा, जिन पर इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ को रास्ते से भटकाने का आरोप लगा, को सीबीआई का संयुक्त निदेशक नियुक्त किया गया है.

वह अगल पांच वर्ष तक इस पद पर रहेंगे.

दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने  गुजरात कैडर के एक अन्य आईपीएस अफसर और सीबीआई के ज्वाइंट डारेक्टर केशव कुमार का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

सीबीआई ने गुजरात में शोहराबुद्दीन शेख फेक एनकाउंटर मामले की जांच भी की थी. जबकि सादिक जमाल फर्जी मुठभेड़ का मामला अब भी सीबीआई जांच कर रही है.

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में अरुण कुमार शर्मा के बारे में एक सीडी सार्वजनिक हुआ था

जिसमें यह बताया गया ता कि उन्होंने इस जांच को प्रभावित किया था. यह वही शर्मा हैं जिनका नाम एक महिला आर्किटेक्ट के स्नूपिंग मामले में भी नाम आया था. उस महिला को कथित तौर पर अमित शाह के इशारे पर एक ‘साहब’ के कहने पर पीछा किया  गया था.

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