दो साल में बिहार में यह तीसरी घटना है जब देशजलाऊ मीडिया ने समाज में आग लगाने की करतूत दिखाई. इस बार दरभंगा में सड्यंत्रकारी झूठ परोसा गया. इसके पहले अररिया और पटना में भी ऐसा ही कुकर्म मीडिया के एक वर्ग करके अपमानित हो चुका है.

दरभंगा में छह दिसम्बर को निकाली SDPI ने रैली

 

दो साल में बिहार में यह तीसरी घटना है जब देशजलाऊ मीडिया ने समाज में आग लगाने की करतूत दिखाई. इस बार दरभंगा में सड्यंत्रकारी झूठ परोसा गया. इसके पहले अररिया और पटना में भी ऐसा ही कुकर्म मीडिया के एक वर्ग करके अपमानित हो चुका है.

[author image=”https://naukarshahi.com/wp-content/uploads/2016/06/irshadul.haque_.jpg” ]इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम[/author]

यह घटना दरभंगा शहर में 6 दिसम्बर की है. इस दिन SDPI यानी Social Demoratic Party of India के कार्यकर्ता बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी मनाने के एक जुलूस निकाला था. विधिवत रूप से इस जुलूस की सूचना पुलिस प्रशासन को थी और खुद एक मजिस्ट्रेट की देखरेख में यह जुलूस किलाघाट इलाके से निकला. जुलूस में लोग ‘RSS मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे. लेकिन शाम होते होते आगलगाऊ पत्रकारों और कुछ अन्य लोगों ने ‘RSS मुर्दाबाद’ के नारे को ‘भारत देश मुर्दाबाद’ कहके कुप्रचारित करना शुरू कर दिया.

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कुछ स्थानीय मीडिया में इसे प्रमुखता से प्रसारित भी किया गया. देखते ही देखते दरभंगा सदर के भाजपा विधायक संजय सरावगी भी इस मामले में कूद पड़े और उन्होंने भी आग में घी डालने की कोशिश की और बयान दिया कि ऐसे नारे को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कथित देशद्रोहियों को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम भी देना शुरू कर दिया.

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इस घटना के दौरान वहां मजिस्ट्रेट के रूप में मौजूद रवि सिन्हा ने बाजाब्ता एफआईआर दर्ज करा दी जिसमें कहा कि वहां देश विरोधी नारे लगे. नौकरशाही डॉट कॉम ने इस मामले में उनसे सम्पर्क किया तो उन्होंने बात टाल दी और बाद में बात करने को कहके फोन रख दिया.

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उधर इस मामले में दरभंगा की एसएसपी गरिमा मलिक ने मीडिया से कहा है कि- ‘हमें सूचना मिली है कि उस जुलूस में देश विरोधी नारे लगे. इस मामलेमें एफआईआर दर्ज किया गया है’.

हालांकि बाद में दरभंगा के ही एक पत्रकार ने इस विडियो को अनालाइज करते हुए यूट्यूब पर डाला है और बताया है कि कुछ शरारती लोगों ने आम जन के साइको का दोहन किया है और ‘RSS मुर्दाबाद’ को  ‘भारत देश मुर्दाबाद’ कहके अफवाह उड़ाई है.

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आप को याद दिला दें कि दो साल पहले पटना में PFI Popular Front of India ने एक जुलूस निकाला था जिसमें ‘PFI जिंदाबाद’ के नारे लगे. PFI जिंदाबाद के नारे को उस समय पटना के कुछ आगलगाऊ पत्रकारों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहके कुप्रचारित किया.

पहले भी देशजलाऊ पत्रकारों की पिट चुकी है भद

उस समय नौकरशाही डॉट कॉम ने इस षड्यंत्र का पर्दाफाश किया था. इस मामले में एफआईआर किया गया और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. लेकिन बाद में तकनीकी जांच में भी यह बात झूठी साबित हो गयी.

एक अन्य घटना पिछले दिनों अररिया में हुई जहां उपचुनाव में तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम ने भाजपा को पटखनी दी थी. जीत के जश्न में निकले जुलूस पर आरोप लगाया गया कि उसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. इस मामले में भी केस किया गया और काफी बखेड़ा किया गया. लेकिन जांच से पता चला कि  पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे ही नहीं.

लेकिन फिर उसी घृणित मानसिकता और समाज में जहर फैलाने वाले तत्वों ने दरभंगा में वैसी ही साजिश रची.

इस मामले में SDPI  के शमीम अख्तर ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया है कि वह इस मामले में लीगल कार्रवाई के लिए अध्ययन कर रहे हैं. ध्यान रहे कि PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का राजनीतिक विंग SDPI है. इस संगठन पर झारखंड में भी देशद्रोह का मुकदमा किया गया था लेकिन झारखंड़ की अदालत ने इस केस को खारिज कर दिया था.

By Editor