सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने बेंगलूर की प्रॉडक्ट स्टार्टअप लिटल आई लैब्स के अधिग्रहण की पुष्टि की है। बुधवार को कंपनी ने यह खुलासा किया है।little.eye

इतिका शर्मा पुनीत

लेकिन यह सौदा कितने में हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी। भारत में अमेरिकी कंपनी का यह पहला अधिग्रहण है। पिछले महीने बिजनेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि संभावित अधिग्रहण के लिए दो कंपनियों से बातचीत चल रही है। इस सौदे की पुष्टि करते हुए फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, हम इस सौदे की शर्तों पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

93 करोड़ का सौदा

उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, यह सौदा 1 करोड़ डॉलर से 1.5 करोड़ डॉलर (62-93 करोड़ रुपये) के बीच का है। मई 2012 में स्थापित लिटल आई लैब्स परफॉर्मेंस एनालिसिस और मॉनिटरिंग टूल बनाती है, जो ऐंड्रॉयड ऐप डेवलपर्स के प्रदर्शन से जुड़ी समस्याओं की पहचान करता है और उसे तय करता है। उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अधिग्रहण मोबाइल रणनीति की बाबत फेसबुक की गंभीरता को दर्शाता है। हालांकि काफी लोग मोबाइल के जरिए फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह सोशल मीडिया कंपनी अभी भी प्रतिस्पर्धी ट्विटर से पीछे है।

फेसबुक के इंजीनियरिंग मैनेजर एस सुब्रमण्यन ने कहा, फेसबुक पर हम मोबाइल ऐप्स को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। लिटल आई लैब्स से हमें ऐंड्रॉयड कोड का आधार सुधारने में मदद मिलेगी ताकि यह ज्यादा सक्षम व बेहतर प्रदर्शन वाला ऐप्स बन सके। लिटल आई लैब्स के सहसंस्थापक कुमार रंगराजन ने कंपनी की वेबसाइट पर लिखे ब्लॉग में कहा है, आज हम इसका ऐलान करते हुए काफी प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं कि फेसबुक हमारी कंपनी का अधिग्रहण कर रही है। इस अधिग्रहण के साथ लिट्ल आई लैब्स मोबाइल के विकास को अगले चरण में ले जाने के लिए फेसबुक के साथ शामिल हो जाएगी।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने अधिग्रहण की बाबत जिस तरह की खबर दी थी, यह वैसा ही है। इसके तहत बड़ी कंपनियां छोटी कंपनी को खरीदती है और उसके मानव संसाधन का इस्तेमाल अन्य उत्पादों पर भी करती है। रंगराजन ने कहा, लिटल आई लैब्स की टीम अब फेसबुक के मुख्यालय मेनलो पार्क कैलिफॉर्निया जाएंगे। उन्होंने कहा, फेसबुक के मुख्यालय से हम उसके विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे और उनका प्रदर्शन और बेहतर करने में मदद करेंगे। यह हमारे लिए एक मौका है, जिसके जरिए हम फेसबुक इस्तेमाल करने वाले 1 अरब से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।

लिटल आई लैब्स की स्थापना मई 2012 में बेंगलूर के चार प्रोग्राम एनलिस्टों गिरिधर मूर्ति (जो पहले ऐपल इंक में काम करते थे), कुमार रंगराजन (इन्होंने आईबीएम व एचपी में काम किया है), सत्यम कंडुला (आईआईटी खडग़पुर के) और लक्ष्मण कक्कीराला (जिन्होंने आईबीएम व याहू में काम किया है) ने किया था। मौजूदा समय में इस कंपनी के सीईओ रंगराजन हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड से साभार

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