बिहार की राजनीति में अब तक बड़े भाई और छोटे भाई का जुमला प्रचलित रहा है। बदलते राजनीति समीकरण में अब ‘सौतेले भाई’ का भी प्रवेश हो गया है। यानी समाजवादी पृष्‍ठभूमि के राजद और जदयू के बीच समाजवाद की घोर विरोधी कांग्रेस भी गठबंधन में शामिल हो गयी है। बुधवार को इसकी औपचारिक घोषणा भी पटना में हो गयी। इसके साथ सांप्रदायिकता के खिलाफ मजबूत गठबंधन का ‘तोता बयान’ की भी खूब वकालत की गयी औ एकता का संकल्‍प लिया।30pic-17

वीरेंद्र यादव

पटना के सबसे चर्चित होटल मौर्या में राजद, कांग्रेस व कांग्रेस के गठबंधन की घोषणा की गयी। विधानसभा उपचुनाव की सीटों के पार्टीवार नामों की घोषणा भी हुई। इसमें तीनों पार्टियों के प्रदेश अध्‍यक्ष राजद के रामचंद्र पूर्वे, जदयू के वशिष्‍ठ नारायण सिंह और कांग्रेस के अशोक चौधरी में संयुक्‍त रूप से गठबंधन का ऐलान किया और कहा कि हम तीनों दल मिलकर उपचुनाव लड़ेंगे। पार्टी नेताओं का दिल मिले या न मिले, दल का मिलन हो ही गया। इसके भविष्‍य को लेकर वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने स्‍पष्‍ट संकेत दे दिया है कि जो कल था, वह आज नहीं है और आज है, वह कल नहीं रहेगा।

 

तीनों पार्टियों का संयुक्‍त प्रेस कॉन्‍फ्रेंस पहले जदयू के राज्‍य मुख्‍यालय में होना था, लेकिन इसका स्‍थान बदल दिया गया। अचानक इसकी सूचना पत्रकारों को दी गयी। पत्रकार वार्ता के दौरान यह भी चर्चा में रहा कि इस हाईप्रोफाइल संवाददाता सम्‍मेलन का खर्चा कौन पार्टी उठा रही है। किसी ने कहा कि सीट शेयरिंग के हिसाब से खर्चा का भरा जाएगा तो किसी ने कहा कि कोई भी अधिकारी उठा लेगा। काफी खोजबीन के बाद यह पता चला कि इस हाई प्रोफाइल कार्यक्रम का खर्चा सरकार के एक मंत्री ने उठाया था। उनका मकसद था कि होटल मौर्या के नाम पर घोषणा का महत्‍व बढ़ जाएगा और बड़़ा कवरेज भी मिल जाएगा। लेकिन मंत्री भी कम प्रोफेशनल नहीं थे। मंत्री पत्रकारों के लिए कुल 50 प्‍लेट नास्‍ते का आर्डर दिया था और मीडिया से जुड़े लोग दुगुनी संख्‍या में थे। इस कारण लगभग आधे पत्रकार प्‍लेट का इंतजार करते रह गए और थक हार कर यह कहते हुए बाहर निकल गए कि तीन दलों का गठबंधन पत्रकारों को नास्‍ता भी नहीं करा सकता है, वह वोटरों को कैसे संतुष्‍ट कर पाएगा।

 

खबरों के लिहाज से भी पत्रकार भी निशाने पर रहे। जब पत्रकारों ने जंगलराज के आरोप के संदर्भ सवाल किया तो वशिष्‍ठ सिंह उखड़ गए। उन्‍होंने कहा कि आप लोगों के दिमाग में भी फेंटू वर्क होते रहता है। आज इतना ही रहने दीजिए। इसके बाद मजमा उखड़ने लगा। उधर मौर्या होटल के गेट पर नया मजमा लगा हुआ था। हाजीपुर में उम्‍मीदवारी से नाराज जदयू कार्यकर्ता अपना विरोध दर्ज करा रहे थे और पार्टी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे।

 

भाजपा की बढ़ती ताकत के खिलाफ एकजुट हुए इस गठबंधन का मकसद भाजपा के खौफ दिखाकर राजनीति करना है। लेकिन अपना आधार बढ़ाने का तर्क और समीकरण बनाने व गढ़ने के लिए कोई पुख्‍ता आधार नहीं बना पाए हैं। अभी सबसे पहले बड़ा सवाल यही है कि लालू यादव व नीतीश कुमार कब एक मंच पर आकर अपनी 20 वर्षों की पुरानी दुश्‍मनी के समापन की घोषणा करते हैं।

(तसवीर- सोनू किशन)

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