मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले ने सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के कामकाज के रवैये पर नाराजगी जताई और फटकारा भी लगया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर बिहार सरकार का रूख नरम है।  सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले में दर्ज एफआईआर को बदलने का आदेश दिया और अगले 24 घंटे में इस मामले में रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने को भी कहा है।

कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड मामले की जांच में ढिलाई बरतने को लेकर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप (बिहार सरकार) क्या कर रहे हैं। हमें बताया गया था कि सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से देख रही है, क्या यही है आपकी गंभीरता। कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से बिहार के मुख्य सचिव मौजूद थे।

इसी दौरान तल्‍ख अंदाज में कोर्ट ने कहा कि आप अपने कृत्य को जस्टिफाई करें। कोर्ट ने मुख्‍य सचिव से बुधवार को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है। यह शर्मनाक है। अगर किसी बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौनाचार होता है तो इस पर आप कहते हैं कुछ नहीं हुआ है। यह अमानवीय है।

बता दें कि 2018 के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था इसके बाद बिहार सरकार के समाज कल्‍याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा को अपने पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था। वे फिलहाल आर्म्‍स एक्‍ट के मामले में जेल हैं। इस मामले में बिहार में राजनीति जमकर हुई। तब विपक्ष इस मामले में सरकार को कहीं से बदार्शत करने के मूड में नहीं थी। नेता विपक्ष तेजस्‍वी यादव ने इस‍के लिए दिल्‍ली में एक सभा भी की थी, तो जाप सांसद पप्‍पू यादव ने भी इसको लेकर मधुबनी से पटना तक पदयात्रा की थी।

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