मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का शेल्टर होम को 10 दिसम्बर से ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू होगी। शेल्टर होम मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस शेल्टर होम पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इसका निर्माण भी बिल्डिंग बायलॉज के खिलाफ अवैध रूप से किया गया था। 

नौकरशाही डेस्क

नगर आयुक्त ने इसके लिए जिले के डीएम को रिमाइंडर लेटर लिखा है। इसमें बालिका गृह से समान हटाने, वीडियोग्राफी कराने और रिसीवार नियुक्त करने के लिए रिक्वेस्ट भेजा गया है। दरअसल इस भवन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति की थी कि यह बिना नक्शा पास के बना हुआ है। बता दें कि साहू रोड पर ब्रजेश ठाकुर का शेल्टर होम उनकी मां मनोरमा देवी के नाम से है, जो बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बनाया गया है।

अब इस शेल्टर होम को ध्वस्त करने के लिए नगर निगम प्रशासन कागजी प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने में जुटी है. इसको लेकर 10 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद नगर आयुक्त संजय दुबे ने एक महीने का समय मांगा था। इसके लिए 10 दिसंबर तक आखिरी तिथि निर्धारित की गई थी।

गौरतलब है कि 25 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज एसएलपी में पारित आदेश के बाद नगर आयुक्त ने 10 नवंबर को बालिका गृह भवन को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इससे पहले बीते हफ्ते में मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने इसके लिए आदेश भी जारी किया था।

 

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