बिहार कांग्रेस में टूट की आशंका से खलबली है. मंत्रिपद के लालच में कांग्रेस विधाकों के एक धड़े का जदयू में जाने की मंशा से मचे हड़कम्प के बाद कांग्रेस आला कमान ने कैसे डैमेज कंट्रोल किया. बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार मिश्रा.

 

बिहार में अंतिम सांसे गिन रही कांग्रेस को पिछले विधान सभा चुनाव में राजनीतिक संजीवनी तब मिली जब महागठबंधन के तहत उसे विधान सभा की 41 सीटो पर अपना उ्मीदवार खड़ा करने का अवसर मिला और 27 सीटों पर उसने कब्जा भी किया. इतना ही नही नीतीश मंत्रिमंडल में उसके चार विधायकों को जगह भी मिली और मलाईदार विभाग भी .

लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह , पूर्व मंत्री डा0 अशोक राम , विजय शंकर दूबे , रामदेव राय जैसे दिग्गज नेताओं को सत्ता की चासनी भी नसीब नही हुई. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी की सियासत से सत्ता से मरहूम रहे इन नेताओं ने तब खून का घूंट पीकर चुप रहना ही मुनासिब समझा. लेकिन जद यू का बीजेपी के साथ जाना और कांग्रेस का नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर आने से इन नेताओं की बाछे खिल गयी है. परिणाम स्वरूप पिछले कई राज्यों में भाजपा के हाथ मात खायी कांग्रेस को बिहार में भी अपने विधायको के पाला बदलने के खतरे की आशंका हुई.

गुजरात का सबक

गुजरात में अपनी फजीहत देख कांग्रेस अलाकमान ने तुरंत बिहार में मिशन डैमेज कंट्रोल शुरू किया और ज्योतिरादित्य सिधिया और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल को इसकी जिम्मेवारी देकर पटना भेजा.दोनों नेता आज पटना सदाकत आश्रम आये . सबसे पहले विधायकों के साथ बैठक की और सदानंद और अशोक चौधरी को एक साथ बिठाया फिर विधायक दल की बैठक में ही नीतीश के खिलाफ प्रस्ताव भी पास कराया .

 

ये अलग बात है कि इस बैठक में भी आधे दर्जन से अधिक विधायक कोई ना कोई बहाना बनाकर गायब रहे. फिर इन नेताओं ने बी पी सीसी के सदस्यो के अलावे जिला अध्यक्षो के साथ बैठक भी की और कार्यकर्ताओं को एक जुटता और संघर्ष का पाठ भी पढ़ाया. अंत में एक प्रेस कांफ्रेस में सार्वजनिक तौर पर सदानंद सिंह , अशोक चौधरी , विजय शंकर दूबे जैसे नेताओं को पूरी तरह से तवज्जो दी गयी और उन्ही के मुंह से नीतीश के खिलाफ बयान भी दिलवाया गया. श्री सिंधिया ने बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप भी लगाया और बिहार में कांग्रेस विधायको को तोड़ने की आशंका भी जतायी.

 

लेकिन यह दावा जरूर किया कि हमारे सभी विधायक एक जुट है. याऩि फिलहाल मिशन डैमेज कंट्रोल पूरी तरह से सफल . लेकिन क्या कांग्रेस अपने विधायकों को एक जुट करने में सफल हो पायेगी यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. फिलहाल तो यही दिख रहा है कि जिस तरह बाढ और प्राकृतिक आपदा के समय एक ही पेड पर विषेले सांप और मनुष्य एक साथ रहते है ठीक उसी तरह एक दूसरे को फूंटी आंखो से नही सुहाने वाले कांग्रेसी.

By Editor