एक पखवारा पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संकटमोचक की भूमिका निभा कर बिहार कांग्रेस को टूटने से उबरा था लेकिन खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस फिर टूट के के कगार पर है. इस बीच अशोक चौधरी और सदानंद सिंह को सोनिया गांधी ने दिल्ली तलब कर लिया है.
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जद यू नेता और मंत्री ललन सिंह ने कांग्रेस को तोड़ने की रणनीति बनायी है. खबरों में कहा गया है कि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सदानंद सिंह के घर पर उनकी विक्षुब्ध विधायकों की बैठक हुई थी. हालांकि ललन सिंह ने इससे इनकार किया है.
समझा जाता है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ओशोक चौधरी और सदानंद सिंह दोनों नीतीश कुमार के करीबी हैं.
उधर मीडिया की खबरों में बताया गया है कि अशोक चौधरी और सदानंद सिंह के साथ 27 में से 12 विधायक हैं लेकिन पार्टी तोड़ने के लिए कम से कम 18 विधायकों की जरूरत है.
ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले ही पार्टी में टूट की खबर बड़ी तेजी से फैली थी.
तब केंद्र ने बीच बचाओ के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को भेजा था. तब सिंधिया ने घंटों मैराथन बैठक की थी और उसके बाद प्रसे कांफ्रेंस बुलाई थी जिसमें अशोक चौधरी से कहलवा गया था कि पार्टी एकजुट है. चौधरी ने तब जदयू और भाजपा की आलोचना भी की थी.
याद रहे कि सदानंद सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं और सदानंद सिंह के संबंध नीतीश कुमार से काफी अच्छे माने जाते हैं.
 

By Editor