बुधवार की शाम बिहार की सियासत में एक नया मोड़ तब आया जब महागठबंधन के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसका असर सोशल मीडिया में भी खूब देखने को मिला. इस्तीफे के बाद #NitishKumar ट्रेंड करने लगा, जिसमें लोगों की हर तरह की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, लालू, नीतीश, सुशील मोदी की भाषा बदल गयी.

नौकरशाही डेस्क

इस्तीफे के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को बधाई देते हुए कहा कि सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा कि देश के, खास कर बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठ कर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना, आज देश और समय की मांग है. इस पर नीतीश कुमार ने भी जवाब में कहा कि हमने जो निर्णय लिया उस पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से धन्यवाद.

वहीं, महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी की भूमिका में रहने वाली पार्टी के राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार के गरीब, वंचित और आरक्षण समर्थित वर्गों ने महागठबंधन को bjp के खिलाफ ऐतिहासिक बहुमत दिया था. महागठबंधन की भ्रूण हत्या की जा रही है. उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि नीतीश और तेजस्वी दोनों पर आरोप हैं. महागठबंधन दल के विधायकों को बैठ कर नया नेता चुनना चाहिए. बिहार की सामाजिक न्याय पसंद जनता की यही अपेक्षा है. 

लालू ने आगे लिखा कि हमारे ऊपर भ्रष्टाचार में तथाकथित आरोप पहले से ही थे. क्या गठबंधन करते वक़्त या सरकार बनाते वक्त नीतीश कुमार नहीं जानते थे? उन्होंने नीतीश कुमार की नैतिकता के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा कि नैतिकता और भ्रष्टाचार की दुहाई देने वाले नीतीश कुमार को चुनाव में आना चाहिए. पता चल जाएगा कि भ्रष्टाचार/नैतिकता की लड़ाई में जनता कितना उनके साथ है. बिहार में रिकॉर्ड तोड़ बहुमत bjp के विरुद्ध मिला था. अब उसी bjp के समर्थन से सरकार चला कर नीतीश नैतिकता का रिकॉर्ड स्थापित करेंगे.

उधर, भाजपा नेता सुशील मोदी और नंद किशोर यादव ने नीतीश कुमार के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई में जुड़ने के लिए बधाई.

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