मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के प्रति बैंकों के काम – काज रवैये पर नाराजगी जाहिर की. नीतीश ने कहा कि वे पिछले एक दशक से बोल रहे हैं, बावजूद इसके बैंकों के बिहार के प्रति रूख में सुधार नहीं हुआ है. वे आज राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की 60वीं बैठक में बोल रहे थे.

नौकरशाही डेस्‍क‍

मुख्‍यमंत्री ने सीडी रेशियो की हालत सुधर नहीं होने पर नाराज थे. उन्‍होंने कहा कि अभी भी सीडी रेशियो 44 प्रतिशत के आसपास है, जबकि कई विकसित राज्यों में यह अनुपात 100 प्रतिशत या उससे से भी ज्यादा है. इसका साफ मतलब है कि बिहार जैसे राज्यों का पैसा दूसरे प्रदेशों में जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि विकास योजनाओं का पैसा महीनों तक बैंकों में बेवजह पड़ा रहता है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में कर्ज नहीं मिल रहा है. बैंक अपना रवैया बदले, अन्यथा तमाम प्रयास बेकार हो जाएंगे.

 

उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में चार लाख रुपए तक के शिक्षा कर्ज और ब्याज की गारंटी ले रही है. फिर भी बैंक कर्ज नहीं दे रहे. सीएम ने कहा कि छात्रों को मत्था टेकने के लिए बार-बार बैंक मत बुलाइए, उनको बेवजह टहलाना और परेशान करना बंद कीजिए. बिहार में संभावनाओं पर बात करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में विकास की असीम संभावनाएं हैं. बिहार के लोग बैंकों में पैसा जमा कराते हैं, लेकिन यहां के लोगों को विकास योजनाओं के लिए कर्ज नहीं मिलेगा तो इससे विकास अवरूद्ध होगा.

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