मंत्रियों की शपथ का गलत पाठ, गलत उच्‍चारण से लेकर कई चीजें विवाद और योग्‍यता के विषय बन जाते हैं। इन गलतियों को ‘अयोग्‍यता का प्रमाण’ नहीं माना जा सकता है। लेकिन इन ग‍लतियों की अनदेखी भी नहीं की जा सकती है।

वीरेंद्र यादव

लोक स्‍वास्‍थ्‍य अभियंत्रण मंत्री (पीएचईडी) विनोद नारायण झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्‍म दिन पर अपना एक संदेश अपने फेसबुक टाइमलाइन पर पोस्‍ट किया है। इस पोस्‍ट में उन्होंने सेवा दिवस के संदेश के साथ अपने विभाग का नाम भी लिखा है- लोक सवास्‍थ्‍य अभियंतत्रण विभाग। इसमें बीच के दोनों शब्‍द गलत हैं। यह गलती किस स्‍तर पर हुई है, यह वही बता सकते हैं। लेकिन इतना तय है कि उनके टाइमलाइन पर कोई सामग्री है तो जिम्‍मेवारी उनकी ही बनती है।

 

इस गलती को तकनीकी भूल भी माना जा सकता है या किसी कर्मचारी की नासमझी या लापरवाही भी। दरअसल यह समस्‍या अकेले विनोद नारायण झा की नहीं है। आज अधिकतर मंत्रियों के फेसबुक एकाउंट या पेज उनके ड्राइवर, बॉडीगार्ड या परिजन हैंडल कर रहे हैं। ऐसे लोगों से बहुत शुद्धता की उम्‍मीद नहीं की जा सकती है। लेकिन जिनका पेज है, उन्हें तो अपने एकाउंट के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

 

इस मामले में उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी किसी भी मंत्री के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं। उन्‍होंने सोशल मीडिया टीम बना रखी है। खुद भी पेज की मॉनिटरिंग करते हैं। इसके लिए वे कभी पार्टी कार्यकर्ता या विभाग के भरोसे नहीं रहे। एक तो बिहार के अधिकतर मंत्रियों की सोशल मीडिया एक्टिविटी काफी निराशाजनक है। जिनका चल रहा है, उनमें से कई के ड्राइवर, बॉडीगार्ड या परिजन फेसबुक चला रहे हैं। वैसे में विनोद नारायण झा की तरह गलतियां होंगी ही। ऐसी गलतियों से सरकार को भी सीख लेनी चाहिए और मंत्रालय के स्‍तर पर सोशल मीडिया टीम गठित की जानी चाहिए।

By Editor