बिहार संग्रहालय में आयोजित पांच दिवसीय समारोह आज सफलपता पूर्वक संपन्‍न हो गया। समारोह की शुरूआत राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की जयंती पर दो अक्‍टूबर को हुआ था, जिसमें बिहार के मुख्‍यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार संग्रहालय की इतिहास दीर्घाओं व अन्‍य दीर्घाओं का लोकार्पण किया। चंपारण सत्‍याग्रह के 100 वर्ष में कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार द्वारा ‘कलाकारों की नजर में बापू’ कला शिविर सह कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर से आये 32 कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। साथ ही बिहार संग्रहालय के बारे में जानकारी हेतु संग्रहालय के सभागार में वीडियो प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया और परिचर्चाएं आयोजित की गई। समापन सत्र में कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव आनंद कुमार, सांस्‍कृतिक निदेशालय के निदेशक सत्‍यप्रकाश मिश्रा, विभाग के उप सचिव तारानंद वियोगी, अतुल वर्मा, संजय सिंह, संजय सिन्‍हा, जे पी एन सिंह, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्‍हा आदि लोग उपस्थित थे।

नौकरशाही डेस्‍क

वहीं, कमालपुर ढाका से आये बीरेस्‍वर भट्टाचर्जी कलाकार ने आज अंतिम दिन संग्रहालय के उज्‍जवल भविष्‍य कामना की और कहा कि बिहार संग्रहालय, बिहार सरकार का वंडरफुल अचीवमेंट है। यह बिहार खास कर पटना के लोगों को शानदार तो‍हफा है, जहां वे अपनी समृद्ध विरासत और इतिहास को जान सकेंगे। उन्‍होंने ये भी कहा कि संग्रहालय का अर्किटेक्‍ट बेहद शानदार है। जो मुख्‍य आकर्षण का केंद्र है। यहां सब कुछ नया है। बता दें कि प्रसिद्ध शिल्‍पकार हिम्‍मत शाह ने भी संग्रहालय के अर्किटेक्‍ट को शानदार बताया था। उन्‍होंने कहा था कि बिहार संग्रहालय में का स्‍ट्रक्‍चर एकदम नये तरीके से बनाया गया है, जो खुद में देखने लायक है। उन्‍होंने संग्रहालय के बाहर से देखकर इसे लुभावना बताया था और कहा था कि बिहार संग्रहालय यहां के कलाकारों के लिए वरदान साबित होगा।

 

इसके अलावा आज स्‍थानीय कलाकार मीनाक्षी झा बनर्जी ने कहा कि जब पटना संग्रहालय से चीजें शिफ्ट हो रही थी, तो थोड़ा तकलीफ हुआ था। क्‍यों वो हेरिटेज बिल्डिंग है। मगर जब मैं यहां आई, तो देखा कि ये तो वर्ल्‍ड क्‍लास मॉडर्न आर्किटेक्‍ट है। यह एक बेहतर एंबियेंस क्रियेट करता है। इसलिए मुझे न‍हीं लगता है कि इस संग्रहालय को लेकर किसी को बुरा मानना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर एक कलाकार के नजरिये से भी देखें, तो यह संग्रहालय काफी महत्‍वपूर्ण है। अभी तक हम यहां एक गैलरी मिस कर रहे थे, जिसका वृहद पैमाना हो। एक ललित कला अकादमी में आर्ट गैलरी बनी भी, तो उसमें जगह कम पड़ गया। अगर उस न‍जरिये से भी देखें तो बिहार संग्रहालय आर्टिस्‍टों के लिए एक विकल्‍प है।

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