बीएसएससी पेपर लीक मामले में आईएएस सीके अनिल ने पत्र के जरिए अपनी  चुप्‍पी तोड़ी है. 1991 बैच के आईएएस सीके अनिल ने एक पत्र जारी कर एसआईटी की जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

नौकरशाही डेस्‍क

मुंबई से जारी पत्र के जरिए पेपर लीक केस में लिखा है कि पूर्व में वे आइएएस अधिकारियों के अनधिकृत प्रमोशन पर सवाल उठा चुके हैं और उन्हें विह्सब्लोवर बनने की सजा मिल रही है. उन्‍होंने एसआईटी पर आरोप लगाया कि उन्हें जान बूझकर फंसाया जा रहा है. वे इस मामले में कहीं नहीं हैं. कुछ मंत्री, राजनीतिक दल से जुड़े कुछ नेताओं कुछ नौकरशाहों के दबाव में एसआईटी उन्हें घसीट रही है. उन्‍होंने लिखा – मैंने बीएसएससी तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार के लिव एप्लीकेशन पर हस्ताक्षर नहीं किया.

 

वहीं, सीके अनिल ने इस बाबत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को भी पत्र लिखने की बात कही है.  अनिल के अनुसार, वे फरार नहीं हैं, दिल्ली में इलाजरत हैं. उन्‍होंने कहा कि 1 मार्च 2017 से 1 जून 2017 तक की छुट्टी का आवेदन रजिस्टर्ड डाक से मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को भेज चुके हैं.  अनिल ने एसआईटी पर प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया और कहा कि मुझे फोन पर धमकी दी जा रही है.

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