बिहार में चुनावी रुझान जहां भाजपा का सरदर्द बढ़ा रहे हैं वहीं खुद उसके दो बड़े नेताओं ने अपनी ही पार्टी के जख्मों पर नमक छिड़क कर जख्म को नासूर बनाने में लगे हैं.

साक्षी महाराज: सच्चाई की स्वीकारोक्ति तो नहीं?
साक्षी महाराज: सच्चाई की स्वीकारोक्ति तो नहीं?

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने ऐसा बयान दिया है जिससे चुनाव में पार्टी के मनोबल को ठेस पहुंच सकती है. वहीं दूसरी ओर शत्रुघन सिन्हा ने  ट्विट  करके बिहार चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहने का इशारा किया है. उन्होंने लिखा है कि “मैं उन खबरों से परेशान हूं जिसमें कहा जा रहा है कि मेरी पार्टी पहले दो चरणों के चुनाव में बेहतर नहीं कर पाई है और अच्छा कर सकती थी. शत्रु ने लिखा है कि मैं उम्मीद करता हूं ये गलत हो। अगले चरण के लिए बीजेपी उम्मीदवारों को शुभकामनाएं.

बीजेपी के सांसद  और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी को नसीहत की घुट्टी पिलाते हुए कहा कि “जमीन पर काम करने वाला बीजेपी कार्यकर्ता सम्मान चाहता है, जरूरत इस बात की है कि हम जमीनी स्तर पर काम करें, विनम्रता से वोटर तक पहुंचें”। शत्रुघ्न ने लिखा है कि पांच सितारा होटलों में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रंस के भरोसे न रहें”.

साक्षी महाराज; एनडीए को मिलेगी हार

वहीं भाजपा के एक अन्य सांसद और विवादस्पद टिप्पणियों के लिए आलोचनाओं से घिरे रहने वाले साक्षी महाराज ने तो पार्टी से हमदर्दी जताते-जताते ऐसा बयान दे डाला है जिससे भाजपा का मनोबल बढ़ने के बजाये गिर रहा है. साक्षी ने कहा उन्हें रिपोर्ट मिली है कि एनडीए गठबंधन को बिहार में हार मिलने वाली है. साक्षी ने कहा, “अगर ऐसा होता है तो यह पूरी तरहबिहार का नुकसान होगा, मोदी या अमित शाह का नहीं”

इतना ही नहीं साक्षी महाराज ने एक टीवी चैनल से बातचीत में यहां तक कहा डाला कि, “बिहार को कैंसर की बीमारी है और उसे तुरंत सर्जरी की जरूरत है. साक्षी का इशारा बिहार में जाति आधारित राजनीति की तरफ था. साक्षी ने कहा मोदी और अमित शाह जैसे लोग बिहार को आगे ले जाना चाहते हैं.पर अगर बिहार उठना नहीं चाहता तो यह उसका दुर्भाग्य होगा।” उन्होंने बताया कि, “ये ऐसे राज्य हैं जो जाति से ऊपर नहीं उठना चाहते

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