भारत और जापान के बीच बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना पर आज करार हो गया। यह बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौजूदगी में नई दिल्‍ली के हैदराबाद हाउस में 98 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना से जुड़े करार पर हस्ताक्षर किए गए। श्री मोदी ने इसे एक ऐतिहासिक समझौता बताते हुए कहा कि इससे भारतीय रेलवे में क्रांति आएगी। 

The Prime Minister, Shri Narendra Modi and the Prime Minister of Japan, Mr. Shinzo Abe at the signing ceremony, in New Delhi on December 12, 2015.

 
करार के तहत बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान भारत को कुल 12 अरब डॉलर यानी करीब 80,400 करोड़ रुपये का कर्ज देगा। जापान की ओर से यह कर्ज 0.1 प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलेगा। जापान ने भारत को 50 साल की अवधि के लिए यह कर्ज दिया है। इस पर 15 साल तक कोई ब्याज नहीं चुकाना होगा। जापान बुलेट ट्रेन के लिए भारत को चरणबद्ध तरीके से प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी करेगा। बुलेट ट्रेन के चलने से मुंबई से अहमदाबाद के बीच की 500 किलोमीटर की दूरी जिसे तय करने में अभी 8 घंटे लगते हैं। अब यह दूरी मात्र दो या तीन घंटे में ही तय हो जाएगी।

 

 

इसे सबसे पहले मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलाने का फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि ये दोनों शहर देश के बड़े व्यावसायिक केन्द्र हैं, जिसके कारण रेल यात्रियों के लिहाज से यह सबसे व्यस्ततम मार्ग है। इस मार्ग पर ज्यादातर कारोबारी आते जाते हैं। इस रेल का किराया कितना होगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन अनुमान है कि यह राजधानी एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी के किराए का डेढ़ गुना होगा। ऐसा नहीं है कि यह रेल सिर्फ मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी । रेल मंत्रालय ऐसी रेल रेलगाड़ी कई और रूटों पर भी चलाने की संभावनाएं तलाश रहा है। इसके लिए उसने हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क का खाका तैयार किया है, जिसे हीरक चतुर्भुज का नाम दिया गया है। इसके तहत देश के चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को हाई स्पीड रेल सर्विस से जोड़ने की महत्वाकांक्षा है। इसके अलावा पुणे-मुंबई,  दिल्ली-आगरा-लखनऊ-वाराणसी-पटना,  हैदराबाद-चेन्नई और चेन्नई-बेंगलुरु-तिरुवनंतपुरम के बीच भी तेज रफ्तार गाड़ियां चलाए जाने की संभावनाएं देखी जा रही हैं।

By Editor