अचानक ऐसा क्या हो गया कि भाजपा ने बिहार में किसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित  न करने का निर्णय लिया है. यहां तक सुशील मोदी भी नहीं होंगे उम्मीदवार. कहीं यह भूमिहार फैक्टर का असर तो नहीं है?

वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख

भाजपा के राज्‍य नेतृत्‍bjpव यानी पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भूमिहार नेताओं के लगातार हो रहे हमले के बीच पार्टी ने आगामी विधान सभा चुनाव में सीएम उम्‍मीदवार के रूप किसी नाम की घोषणा नहीं करने का निर्णय लिया है। इसका संकेत पार्टी नेताओं को दे दिया गया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि आगामी विधान सभा चुनाव में लोजपा व रालोसपा के साथ गठबंधन बना रहे, इसकी संभावना भी कम है।

 

भूमिहार नेता भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यह आरोप भाजपा के भूमिहार नेता लगाते रहे हैं। कभी-कभार ये भूमिहार नेता प्रत्‍यक्षत: सुशील मोदी को भी निशाने पर लेते रहे हैं। चंद्र मोहन राय ने खुलेआम सुशील मोदी पर अपमानित व उपेक्षित करने का आरोप लगाया था। भाजपा के सांसद सीपी ठाकुर, गिरिराज सिंह, भोला सिंह भी अपना निशाना प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से सुमो पर साधते रहे हैं। लेकिन मोदी के पक्ष में राधामोहन सिंह के अलावा कोई और खुलकर सामने नहीं आया।

बीते दिन भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र की दूसरी बरसी पर भाजपा के एक भूमिहार सांसद भोला सिंह ने मंच से भाजपा नेतृत्व को चुनौती देते हुए कहा कि पार्टी उन्हें यानी उनके समाज को पोसुआ न समझे. वे कैलाशपति मिश्र की संतान हैं जो कलम भी चलाना जानता है और तलवार भी. सिंह ने जब यह बयान दिया तो उस समय सुशील मोदी समेत तमाम दिग्गज नेता वहां मौजूद थे.

लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में कई स्‍वयं भू सीएम उम्‍मीदवारों ने अपनी दावेदारी जतायी। किसी ने उम्र तो किसी ने विधायकी के साल का हवाला दिया। इन लोगों ने भी प्रत्‍यक्ष रूप से सुशील मोदी की संभावित दावेदारी को ही निशाना बनाया। इसको लेकर पार्टी में मतभेद भी गहराता जा रहा था। भितरघात की आशंका भी बढ़ रही थी। इन सब परिस्थितियों और विवाद से पार्टी का निजात पाने के लिए सीएम उम्‍मीदवार की घोषणा नहीं करने का निर्णय लिया है।

उल्‍लेखनीय है कि हाल के दिनों में विभिन्‍न राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनाव ने पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगा और जनता ने नमो के प्रति विश्‍वास भी व्‍यक्‍त किया। इसे देखते हुए भी पार्टी ने बिहार में सीएम के बजाए पीएम के नाम पर चुनाव लड़ना उचित समझा। केंद्रीय नेतृत्‍व ने कहा है कि मिल-जुलकर चुनाव लड़ने की तैयारी करें और केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर ही जनता के बीच जाएं और पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सहयोग करें।

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