कर्नाटक में एक मंदिर के सालाना कार्यक्रम में मुस्लिम आईएएस अधिकारी का नाम निमंत्रण पत्र में छापने पर हिेंदूवादी संगठनों ने एतराज जताया है.

आईएएस एबी इब्राहिम मंदिर के प्रमुख भी हैं
आईएएस एबी इब्राहिम मंदिर के प्रमुख भी हैं

जनसत्ता ऑनलाइन

इसके चलते विवाद खड़ा हो गया है। विश्‍व हिंदू परिषद्(विहिप) और बजरंग दल ने निमंत्रण पत्र से आईएएस एबी इब्राहिम का नाम हटाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं किया गया तो 19 मार्च को बंद रखा जाएगा।

मंगलोर से 60 किलोमीटर दूर पुतुर तालुक के महालिंगेश्‍वर मंदिर का कार्यभार राज्‍य सरकार के पास है। 12वीं सदी में बने इस मंदिर के एक अप्रैल को होने वाले सालाना कार्यक्रम के लिए मंदिर प्रशासन ने निमंत्रण पत्र छपाए थे। इसके तहत स्‍थानीय विधायक, पुतुर कमिश्‍नर और डिप्‍टी कमिश्‍नर एबी इब्राहिम को न्‍योता दिया गया था।

 

हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि मंदिर में मुस्लिम के जाने से उसकी पवित्रता को नुकसान पहुंचेगा। बजरंग दल नेता मुरली भट ने कहा,’ क्‍या वे शिव लिंग को मानते हैं। क्‍या वे प्रसाद खाएंगे। वे बीफ खाते हैं। क्‍या ऐसे लोगों को मंदिर में आने की अनुमति दी जा सकती है। अगर इब्राहिम का नाम कार्ड से नहीं हटाया गया तो मुझे नहीं पता कि हिंदू क्या कर जाएंगे।’

मंदिर के लिए काम किये तो ऐतराज नहीं हुआ

इस बारे में इब्राहिम ने जनसत्ता को कहा,’ मुझे दुख है कि आजादी के इतने साल बाद भी हम इस तरह से बंटे हुए हैं। मैंने हमेशा खुद को एक भारतीय अफसर के रूप में ही देखा है। आज कुछ लोग मुझे याद दिला रहे हैं कि मैं मुसलमान हूं।’ उन्‍होंने कहा कि पिछले दो साल में मैं कई मंदिरों के कार्यक्रम में गया हूं। उन पर कोई भी व्‍यक्ति पक्षपात का आरोप नहीं लगा सकता। उन्‍होंने मंदिरों के लिए कई काम किए तब किसी ने सवाल नहीं उठाया। डिप्‍टी कमिश्‍नर होने के चलते इब्राहिम मंदिर प्रशासन के मुखिया भी हैं।

 

वहीं राज्‍य सरकार ने इस मामले में आईएएस का बचाव किया है। सरकार ने कहा कि मंदिर प्रशासन के मुखिया होने के नाते इब्राहिम जो कुछ कर रहे हैं, वह सही। सरकार उनके साथ हैं

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