कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को अपने घर वापस लाने के मुद्दे के बीच एक और नया मामला तूल पकड़ने लगा है.

बिहार कांग्रेस के नेताओं ने कर्नाटक सरकार पर मजदूरों को बंधक बनाने के उद्देश्य से ट्रेनें कैंसिल कराने का आरोप लगा दिया है. इस मामले में बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. बिहार कांग्रेस के संगठन प्रभारी ब्रजेश पांडेय और युवा इकाई के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि बंधुआ मजदूरी की परंपरा समाप्त हो गई थी मगर कर्नाटक सरकार द्वारा मजदूरों को जबरन ये बतलाता है कि भाजपा नेता फिर वही परंपरा शुरू करना चाह रहे हैं.

ललन कुमार ने कहा कि कर्नाटक से बिहार आने वाले मजदूरों को साजिश करके रोकना पूरी तरह से गलत है. अगर मजदूर वापस अपने घर आना चाहते हैं तो सरकार उन्हें क्यों रोक रही है. बिहार कांग्रेस कमेटी के संगठन प्रभारी ब्रजेश कुमार पांडेय ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने बिल्डरों से मिलकर मजदूरों को उनके घर जाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करके ट्रेनों को साजिश के तहत रद्द करवाया है.

उन्होंने कहा कि सरकार इस बात की भी जानकारी नहीं दे रही है कि कितने लोगों ने वापस आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. कांग्रेस नेताओं ने डबल इंजन की सरकार पर कर्नाटक सरकार से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि हो सकता है इन दोनों नेताओं ने आपसी सांठगाठ करके मजदूरों को बिहार आने से रोका हो.

उनका कहना है कि अगर नितीश कुमार इसमें संलिप्त नहीं हैं तो मजदूरों को अविलंब वापस लाने का काम करें नहीं तो बिहार की जनता डबल इंजन की सरकार और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों को कभी माफ नहीं करेगी. बता दें कि आज कर्नाटक से बिहार आने वाली ट्रेनों को अचानक रद्द करने का फैसला ले लिया गया. इस वजह से बिहार सहित अन्य राज्यों में वापस जाने वाले मजदूर फिर से वहीं पर फंस गए हैं.

By Editor