राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी एवं पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार में श्री यादव के हस्तक्षेप के कारण बिहार का विकास प्रभावित होने के आरोप पर पलटवार करते हुये आज कहा कि समाप्त वित्त वर्ष में राज्य की आर्थिक विकास दर में वित्त वर्ष 2015-16 के मुकाबले दुगुनी बढ़ोतरी होना यह साबित करता है कि राजद के साथ होने से ही प्रदेश को यह उपलब्धि हासिल हुई है। 

 

श्री तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के नेता महागठबंधन सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि शासन-प्रशासन के कार्यों में श्री यादव के हस्तक्षेप के कारण ही राज्य का विकास प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि लेकिन मुख्यमंत्री श्री कुमार के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में विकास के जो आंकड़े पेश किये गये हैं, वह कुछ और ही कहानी कह रहे हैं।

पूर्व सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में राज्य की विकास दर वित्त वर्ष 2015-16 की 7.14 प्रतिशत की तुलना दोगुना बढ़कर 14.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। इसी तरह निर्माण क्षेत्र में तेज प्रगति होने से रोज़गार का सृजन हुआ। व्यापार, होटल, मरम्मत आदि के क्षेत्र में निवेश बढ़ा।
श्री तिवारी ने कहा कि इनके अलावा सरकार का कर आधार बढ़ने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय में 13.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि में बिहार देश में दूसरे स्थान पर पहुँच गया। उन्होने कहा कि विकास दर में इस वृद्धि के जो कारण बताया गए हैं, वह राजद पर बिहार को जंगलराज की ओर ले जाने के आरोप को सिरे से खारिज करते हैं क्योंकि जिस अवधि के ये आंकड़े हैं उस दौरान राज्य में महागठबंधन सरकार थी, जिसमें राजद बड़े घटक दल के रूप में शामिल था।

श्री तिवारी ने सवालिया लहजे में कहा कि महागठबंधन सरकार में श्री यादव की पार्टी राजद के साथ होने से बिहार में जंगल राज आने का आरोप लगाने वाले क्या खेद व्यक्त करेंगे।

By Editor