राष्ट्रीय संवय सेवक संघ के अंदर एक विवाद खत्म हुआ नहीं कि अब दूसरा शुरू हो गया है. संघ ने अपने सयुक्त महासचिव केसी कन्नन को पद से हटा दिया है. खबर है कि उनका एक महिला के साथ संबंध है.

केसी कन्नन( स्केच इंडियन एक्सप्रेस)
केसी कन्नन( स्केच इंडियन एक्सप्रेस)

इंडियन एक्सप्रेस में शाजु फिलिप और शामलाल यादव की रिपोर्ट के अनुसार कन्नन का एक महिला के साथ संबंध होने के आरोप में पदमुक्त किया गया है.

संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के हालिया बयान से अभी खलबली मची ही थी कि यह दूसरा मुद्दा है जिससे हंगामा खड़ा हो सकता है. भागवत ने तब अपने प्रचारकों से साफ कहा था कि वह नमो-नमो करना बंद करें. लेकिन ताजा मामाला अपनी तरह का पहला मामला है जिसके अनुसार संघ के किसी टॉप लेवल अधिकारी को महिला से संबंध रखने के आरोप में पदमुक्त कर दिया गया है.

कन्नन के आरएसएस में महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह संघ के तीसरे सबसे बड़े अधिकारियों में से एक थे. वह 2012 में तीन अन्य लोगों के साथ सह सरकार्यवाह बनाये गये थे.
इतने बड़े पद से हटाये जाने वाले 52 वर्षीय कन्नन संघ के पहले पदाधिकारी हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कन्नन इतने प्रभावशाली थे कि संघ के कई लोगों का मानना था कि वह संघ के टॉप पोस्ट तक पहुंच सकते थे.

आम तौर पर संघ के प्रचारक ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले ही होते हैं. हालांकि निचले स्तर पर शादीशुदा अधिकारी भी हैं.

संघ के अनेक अधिकारी कन्नन के हटाये जाने की बात तो स्वीकार करते हैं लेकिन आरएसएस के प्रचारक प्रमुख मोहन वैद्य का कहना है कि कन्न ने स्वास्थ्य कारणों से घर जाना चाहते थे.
आर एसएस सूत्रों का कहना है कि टॉप पद पर काम करने वाले इसके पदाधिकारी का किसी महिला के साथ संबंध रखने की बात चौंकाने वाली है.

आरएसएस के एक सूत्र का कहना है कि कन्न का महिला के साथ संबंध काफ दिनों से था पर इसकी भनक संघ को पहले कभी नहीं लगी.

संघ के अन्दरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रचारक का पद मात्र पद नहीं बल्कि यह संस्था है. और इस पद के व्यक्ति को गैरशादी शुदा और ब्रह्मचर्य होना चाहिए पर कन्न ने गुप्त महिला के साथ गुप्त रिश्ते रख कर संस्था का अपमान किया है.

By Editor