राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव अब खुलकर मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी के पक्ष में उतर गए हैं। उन्‍होंने कहा है कि जीतन राम मांझी ने सामाजिक न्‍याय की ताकत को मजबूत किया है और अंतिम पंक्ति के व्‍यक्ति को आगे करने का काम किया है। इसलिए वह विपरीत परिस्थितियों में भी जीतनराम मांझी के साथ खड़े हैं।images

 

पप्‍पू यादव ने कहा है कि लालू प्रसाद के प्रति अपने सम्‍मान को बरकरार रखते कहना चाहता हूं कि वे अपने दुश्‍मनों से भले मिल जाएं, मैं लालू प्रसाद की राजनीति को समाप्‍त करने व जेल भिजवाने वालों के साथ कतई नहीं मिल सकता हूं। पप्‍पू यादव ने  कल नीतीश कुमार के राष्‍ट्रपति से मुलाकात के बाद आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में लालू प्रसाद की टिप्‍पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है और लालू के खिलाफ हमलावर रवैया अख्तियार कर लिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पप्‍पू यादव के विरोध से जुड़े  सवाल पर लालू यादव ने कहा था कि मैं पप्‍पू यादव की नहीं सुनता हूं। अपने पोस्‍ट में राजद सांसद ने लिखा है कि लालू सुनते किसकी हैं कि हमारी बात सुनेंगे। उन्‍होंने कहा कि लालू यादव हमारे लिए अभिभावक तुल्‍य हैं।  इसलिए बार-बार कहता हूं कि लालू जी, आप मेरी भले न सुनिए, बिहार के गरीबों, मेहनतकशों व अकलियतों की बात जरूर सुनिये।

 

पप्‍पू यादव ने लिखा है कि उनकी लड़ाई  उन ताकतों के खिलाफ है, जिन्‍होंने लालू प्रसाद जी की राजनीति को पहले समाप्‍त किया । फिर सजा कराई और जेल भिजवाया । राजद सांसद ने पूछा है कि क्‍या यह सच नहीं है कि लालू प्रसाद आज उन्‍हीं ताकतों से फिर मिल रहे हैं, जिन्‍होंने उन्‍हें समाप्‍त करने के बाद बिहार में सामाजिक न्‍याय की ताकत को कमजोर किया। इस ताकत को कमजोर करने के लिए सांप्रदायिक ताकतों का साथ लिया गया। उन्‍होंने कहा कि आज की लड़ाई में द्रौपदी कौन है, जिसके लिए बिहार का महाभारत हो रहा है। पप्‍पू यादव ने यह पूछा कि क्‍या पूरी लड़ाई ललन सिंह और पी के शाही के इगो को संतुष्‍ट करने को किया जा रहा है। सांसद ने कहा कि लालू जी कुछ भी कहें-करें, पर इसे नहीं भूलना होगा कि उन्‍हें समाप्‍त कर बिहार में यादवों का संहार कराया गया व लाठी-बंदूक से रौंदा गया। यह किसने कराया था, लालू जी बिहार को बता दें ।

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