अपने बयानों से खलबली मचाने के लिए मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझीझी ने कहा है कि दलितों को सगा भाई कहने से किसी के पेट में दर्द होता है तो वो अपनी अंतड़ी निकलवा ले.

फोटो साभार प्रभात खबर
फोटो साभार प्रभात खबरट म

 

पटना में  मांझी मंगलवार को विकास मित्रों की उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे .मांझी ने कहा कि सवर्ण भी हमारे हैं लेकिन दलित और आदिवासी हमारे सगे भाई है और सगे भाई की खास जगह होती है. उन्होंने कहा मेरे ऐसा कहने से किसी के पेट में दर्द हो तो वह अपनी अंतड़ी निकलवा ले.

उन्होंने कहा कि मैं पूजा नहीं करता. पूजा करने का ठेका तो एक खास जाति के लोगों का है. इसी लिए मैंने अपने कमरे में किसी भगवान की तस्वीर नहीं लगायी है. मेरे घर के कमरे में तो एक ही तस्लवीर है और वह है नीतीश कुमार की.

मांझी ने कहा नीतीश का सीना 36 इंच का है.उन्होंने मेरे कहने पर पंचायतों में एकल पदों पर आरक्षण दे दिया. इसी का नतीजा है कि राज्य में अनुसूचित जाति के 1400 मुखिया हैं।.

उन्होंने कहा आज विकास मित्रों की भीड़ देखकर कई लोगों के कलेजे में दर्द हो रहा होगा। दलित और महादलित समाज के लोग जिस दिन गांधी मैदान को पूरा भर देंगे, उस दिन ऐसे लोगों को कलेजे का ऑपरेशन कराना होगा।”

उन्होंने कहा, ”जिस दिन बिहार की राजनीति हमारे इशारे पर चलने लगेगी, वह हमारा स्वर्ण युग होगा। दलितों की आबादी 22 प्रतिशत है, जबकि 35 प्रतिशत आबादी अति पिछड़ों की है। इनके साथ अल्पसंख्यक भी मिल जाएं तो बिहार में हमेशा आपका शासन होगा। मेरी बात सुनकर कुछ लोग कुलबुला रहे होंगे। वे नीतीश कुमार से जाकर कहेंगे कि जीतनराम मांझी क्या बोल रहा है?”

 

मांझी मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसे कई बयान देते रहे हैं जिससे समाज में खलबली मचती रही है. उनके इस बयान की आलोचना मुखालिफ पार्टी के अलावा जद यू के कुछ नेता भी करते रहे हैं. इस से पहले मांझी ने दलितों और आदिवासियों को मूलनिवासी बताते हुए कहा डाला कि आर्य ब्रह्मण हैं और विदेशों से आये हैं. इस बयान के बाद मीडिया में काफी आलोचना भी उनकी हुई.

 

 

By Editor

Comments are closed.