अगर किसी नौकरशाह का राजनेता के साथ विश्वास का स्तर बहुत गहरा है तो वह रिटायर होके भी रिटायर नहीं होता. नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र के कैलाशनाथन के साथ भी ऐसा ही हुआ.

कैलाशनाथन: छोड़ेंगे न साथ
कैलाशनाथन: छोड़ेंगे न साथ

1979 बैच के आईएएस कैलाशनाथ 31 मई को रिटायर हुए और 1 जून को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास उनके लिए एक पदसृजित कर दो साल के लिए उन्हें असाइनमेंट पर लगा दिया. कैलाश नाथन को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया है.

नौकरशाही के गलियारे में गहरी पैठ रखने वाले सूत्रों का कहना है कि कैलाशनाथन नरेंद्र मोदी के काफी करीब रहे हैं. जो उनकी अंदरूनी बातों, राजों और रहस्यों के साथी रहे हैं. ऐसे में मोदी ने अपने इस राजदार को अपने करीब रखने के लिए बाजाब्ता एक पद खास उनके लिए बना दिया है.

गुजरात की नौकरशाही में के कैलाशनाथन ‘केके’ नाम से विख्यात हैं और वह मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्यसचिव के पद से रिटायर हुए हैं.

केके न सिर्फ पिछले दस सालों से मोदी के विश्वास पात्र रहे हैं बल्कि मोदी के संकटमोचक के रूप में जाने जाते हैं.सियासी रणनीति के स्तर पर भी मोदी उनकी राय को बड़ी संजीदगी से लेते हैं. इस कारण विपक्षी कांग्रेस ने कई बार अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर भी जाहिर की थी.

2012 के चुनावों में कांग्रेस ने तो चुनाव आयोग से शिकायत करके आग्रह किया था कि कैलाशनाथन को मुख्यमंत्री सचिवालय से हटा दिया जाये क्योंकि वह सरकार और सत्ता को दुरोपयोग कर रहे हैं.

By Editor