कुछ ऐसे होनहार बच्चो को पटना में मीडिया के सामने प्रस्तुत किया गया जो आखो पर मोटी पट्टी बांध दिये जाने के बाद भी पूरी सहजता के साथ किताब पढ़ रहे थे. बंद आंखों से छू कर रंग बताना तो जैसे उसके लिए खेल-खेल की बात हो.

अनूप नारायण सिंह

बच्चों का करिश्मा
बच्चों का करिश्मा

इन बच्चों को ब्राइट ब्रेन अकादमी के द्वारा पेश किया गया.

इस बच्चे का यह अद्भुत करिश्मा देख कर लोग दंग थे. कई लोग तो उसके इस काम पर भरोसा ही नहीं कर पा रहे थे.

अकादमी के प्रमुख मनोज तिवारी ने बताया कि यह एक कला है जो 3 से15 वर्ष के बच्चे सीख सकते हैं. उन्होंने कहा कि मानसिक संतुलन का सब खेल है.आज शिवम और डुग्गु जो तस्वीरों में नजर आ रहे हैं मीडिया के लिये भी कौतुहल का बिषय बने हुए थे.

संस्था ने बिहार के एक हजार बच्चों को इस वर्ष इस कला में पारंगत करने का लक्ष्य बनाया है.

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