भारतीय राजस्‍व सेवा के 66वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्‍ट्रपति भवन में भारत के राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से कल मुलाकात की. यह अधिकारी नागपुर के राष्‍ट्रीय प्रत्‍यक्ष कर अकादमी में 16 महीनों के प्रशिक्षण पर हैं.

इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में संरचनात्‍मक बदलावों और विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था के साथ उसके समेकन से कर प्रशासन के सामने नई चुनौतियों खड़ी हुई हैं. उन्‍होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को सलाह दी कि इन जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्‍हें घरेलू कराधान कानूनों के साथ-साथ अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यावसायिक कानूनों में भी माहिर होने की ज़रूरत है.

श्री मुखर्जी ने कहा कि घरेलु के साथ-साथ अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों में हो रहे बदलावों से उन्‍हें भी लगातार परिचित रहना चाहिए.

राष्‍ट्रपति ने कहा कि सुशासन राष्‍ट्र के विकास में मुख्‍य भूमिका निभाता है. उन्‍होंने कहा कि समावेशी विकास सुनिश्चित करना, गरीबी को समाप्‍त करना, लोगों को सशक्‍त करना तथा एक न्‍याय संगत समाज बनाना ऐसी कुछ चुनौतियां हैं जिससे निपटने की ज़रूरत है.

भारतीय राजस्‍व सेवा के 66वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों में 105 अधिकारी शामिल हैं जिसमें 29 महिलाएं हैं.

By Editor