मंगलवार को गुजरात की राज्‍यसभा सीटों पर वोटिंग के बाद विवाद तब गहरा गया, जब कांग्रेस ने अपने दो विधायकों के खिलाफ पब्लिकली दिखा कर  भाजपा को वोट करने की शिकायत की. जिसके बाद देर रात करीब 11.30 बजे इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस की ये मांग मान ली. इसके बाद काउंटिंग शुरू की गई.

नौकरशाही डेस्‍क

बता दें कि गुजरात में नजरें अहमद पटेल के इलेक्शन को लेकर है। सस्पेंस इस बात पर है कि मौजूदा समीकरण के चलते सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे या नहीं? इस मामले को लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के नेतृत्व में आयोग से मिला था. उधर, बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की थी. कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने निराधार बताया था.

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि शंकर सिंह वाघेला गुट के दो विधायक राघवजी पटेल और भोलाभाई गोहिल ने अपना वोट डालते वक्त उन्हें बीजेपी एजेंट को दिखाया. इस पर कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने आपत्ति जताई और वोट कैंसल करने की मांग की. उल्‍लेखनीय है कि कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 का रूल 39 कहता है कि वोट देने वाले के लिए पोलिंग स्टेशन पर सीक्रेसी रखनी जरूरी है. अगर कोई इसका वॉयलेशन करता है तो प्रिसाइडिंग ऑफिसर या पोलिंग ऑफिसर उस वोटर से बैलेट पेपर वापस ले लेता है.

 

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