पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि विधान परिषद के सभापति ने अपनी कुर्सी बचाने के लिये  नियमों को ताक पर रखकर राज्य सरकार के एजेंट के रूप में काम करते हुए उनकी परिषद की सदस्यता समाप्त की है और इसके खिलाफ वह न्यायालय में चुनौती देंगे । NARENDRA SINGH (5)
सभापति के फैसले को न्‍यायालय में देंगे चुनौती

श्री सिंह ने पटना में कहा कि परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने छह जनवरी को उनकी परिषद की सदस्यता समाप्त कर दी। उन्होंने कहा कि उनकी यह स्पष्ट राय है कि फैसला लेते समय सभापति ने जहां अपनी  मर्यादाओं का पालन नहीं किया, वहीं न्यायालय की तरह पेश नहीं आये । जिस तरह से  विभागीय कार्रवाई का निपटारा किया जाता है, ठीक उसी तरह से उनके मामले में भी किया गया ।
पूर्व मंत्री ने कहा कि आरोपों की सत्यता की गहराई में नहीं जाकर किसी तरह से प्रक्रिया पूरी कर ली गयी । कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया । उन्होंने कहा कि बिहार विधान परिषद सदस्य के दल परिर्वतन के आधार पर निरर्हता नियम 1994 के दसवें अनुच्छेद के लिये परिषद की नियमावली है । इस नियमावली के अनुच्छेद छह में यह  उल्लेख है कि याचिका के प्रत्येक पृष्ठ पर याचिकाकर्ता का जहां हस्ताक्षर होंगे, वहीं उसे सत्यापित भी किया जायेगा ।

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