सिंतबर से त्‍यौहारों का महीना शुरू हो रहा है. ऐसे में चीनी की कीमतों को काबू में रखने के लिए सितंबर और अक्‍तूबर 2017 के महीनों में चीनी मिलों पर स्‍टॉक सीमा लगा दी गई है. ये सूचना आज केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीटर के जरिए दी. पासवान ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि सितंबर 2017 के लिए स्‍टॉक सीमा चीनी मौसम 2016-17 के दौरान चीनी मिलों के पास उपलब्‍ध कुल चीनी का 21% रखी गई है.

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने बताया कि अक्‍तूबर 2017 के लिए स्‍टॉक सीमा चीनी मौसम 2016-17 के दौरान चीनी मिलों के पास उपलब्‍ध कुल चीनी का 8% रखी गई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री ने अपनी अन्‍य ट्वीट में सोशल सेक्‍योरिटी की भी चर्चा की. उन्‍होंने बताया कि हमने लगभग 14 करोड़ लोगों को सोशल सेक्‍योरिटी प्रदान की है, जो लगभग रूस की आबादी के बराबर है.

साथ ही पासवान ने मोदी सरकार के तीन सालों हुए रिफार्म की चर्चा करते हुए कहा कि हमने 29.4 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाये, जो अमेरिका (USA) की पूरी आबादी से थोड़ा कम है. हमने अपने छोटे उद्यमियो को 8.6 करोड़ से अधिक कोलेटरल फ्री लोन दिये, जो UK की आबादी से भी अधिक है. इस तरह  देश में बहुत बड़ा बदलाव आया है. पहले 28 योजनाएं DBT के तहत थीं, जिसमें 11 गुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है और आज 316 योजनाओं को DBT से जोड़ा जा चुका है. पहले DBT के जरिए कुल 7367 करोड़ रुपये लोगों को दिये गए थे. इसमें 10 गुनी वृद्धि कर पिछले वर्ष 74,607 करोड़ रुपये लोगों को दिये गए हैं.

उन्‍होंने कहा कि पहले इलेक्‍ट्रॉनिक मेन्‍यूफैक्‍चरिंग  के क्षेत्र में निवेश 11,198 करोड़ रुपये था, जो अब 12 गुना बढ़कर 1,43,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. पहले ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार 358 किलोमीटर तक था, जो अब लगभग 560 गुना बढ़कर 2,00,000 किलोमीटर से ज्यादा हो गया है. पहले 5.31 करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए थे. अब पिछले सिर्फ 3 वर्षों में लगभग 7 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं. पहले देशभर में 49.76 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया था. आज इसमें 4 गुनी वृद्धि हुई है और 2 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है.

पासवान ने कहा कि काले धन के खिलाफ SIT के गठन और दूसरी कार्रवाइयों की वजह से सवा लाख करोड़ से भी ज्यादा का कालाधन बाहर आया. भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई में हमारा एक और मजबूत कदम रहा – नोटबंदी. नोटबंदी के बाद जीएसटी और बेनामी संपत्ति कानून से भी कालेधन के प्रवाह को रोकने में मदद मिली है. बेनामी संपत्ति कानून लागू करने के कुछ महीनों में ही 800 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति को ज़ब्त किया गया है. नोटबंदी का एक और फायदा ये हुआ है कि बैंकिंग सिस्टम के पास कर्ज देने के लिए ज्यादा राशि उपलब्ध है. आज जब हम ‘न्यू इंडिया’ के संकल्प की बात कर रहे हैं, तो यह संकल्प ईमानदारी की दृढ़ प्रतिज्ञा के बिना पूरा नहीं हो सकता. स्वच्छ सामाजिक-राजनीतिक औऱ आर्थिक मर्यादा न्यू इंडिया का आधार है. सरकार की कोशिश है कि ईमानदारी की संस्थागत व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं.

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