दो ब्राह्मणवादी दलित राष्ट्रपति के चुनाव मैदान में है। एक सॉफ्ट ब्राह्मणवादी दलित और दूसरा हार्डकोर हिंदुत्ववादी दलित।

अनंत सिन्हा की टिप्पणी

एनडीए ने बिहार के निवर्तमान राज्यपाल रामनाथ कोविंद को जबकि कांग्रेस महागठबंधन ने लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार को मैदान में उतारा है.

इन दोनों का दलित विमर्श से कोई लेना देना नहीं है। आंबेडकर से भी दूर रिश्ता नहीं है। हमारे पहले बिहारी राष्ट्रपति घोर ब्राह्मणवादी थे। 70 वर्षो के बाद भी हम ब्रह्मणवादियो के लिए क्यों लड़े ?

नितीश लालू मुलायम मायावती जैसे नेताओ को चाहिए था की ब्राह्मणवादी दलित नहीं समाजवादी और सर्वहारा दलित को उम्मीदवार बनाने के लिए दबाव बनाते। दोनों को समर्थन करना एक जैसा है।

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