जीतनराम मांझी सरकार की कल पूर्णाहुति हो गयी। ‘मांझी मुक्ति यज्ञ’ में कई लोगों के संकल्‍प थे तो बहुत लोगों ने हवनकुंड में आहुति के लिए हुमाद की भी व्‍यवस्‍था की थी। यज्ञ के मुख्‍य भक्‍त नीतीश कुमार थे, यह सर्वविदित है। उन्‍हीं के राज्‍योहरण के लिए ‘मांझी मुक्ति यज्ञ’ का आयोजन भी किया था।unnamed (1)

 नौकरशाही ब्‍यूरो

 

मांझी मुक्ति के लिए सबसे ज्‍यादा बेहाल थे मांझी सरकार के ही मंत्री ललन सिंह। नीतीश कुमार शुरू में उन्‍हें उपमुख्‍यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन वह नहीं बन पाए। ललन सिंह को नीतीश ने मांझी पर नकेल रखने के लिए ही मंत्री बनवाया था। लेकिन मांझी उन्‍हें ज्‍यादा महत्‍व नहीं दे रहे थे। इस व्‍यवहार से ललन से ज्‍यादा नीतीश खफा थे। नाराज ललन सिंह ने मांझी को अपना टारगेट बना लिया था। इसके लिए जो कुछ कर सकते थे और किए। कल नीतीश कुमार की वापसी हो गयी। इससे सबसे ज्‍यादा खुश ललन सिंह थे।

 

इसका खुलासा उन्‍होंने खुद राजभवन में किया। शपथ ग्रहण के समारोह के बाद राजभवन में अल्‍पाहार की व्‍यवस्‍था था। वीआइपी लोग राजभवन की लॉबी में जमा थे। यहां राज्‍यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, ममता बनर्जी, शरद यादव, एचडी देवगौड़ा आदि मौजूद थे। इस दौरान मंत्री ललन सिंह और पत्रकार संतोष भारतीय गले मिले और बधाई दी। गले मिलने के दौरान ललन सिंह ने संतोष भारतीय से कहा- टारगेट पूरा हो गया न। उनकी बातें सुनने के बाद यह समझ नहीं आया कि मांझी को हटाने का टारगेट ललन सिंह का था या संतोष भारतीय का। यह टारगेट जिनका भी हो, लेकिन इतना तय था कि इससे दोनों लोग खुश थे।

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